रतनगढ़। आज जैन धर्म के मा. सा. नवम पट्टधर प्रज्ञा निधि समग्र चरित्र निर्माण प्रणेता आचार्य श्री 1008 श्री विजय राज जी पधारे जहां सिंगोली रतनगढ़ डिकेन चौकड़ी कंजार्डा काकरिया तलाई झांतला के सभी जैन समाज के बंधुओं द्वारा आचार्य श्री का आत्मीय स्वागत किया। उसके बाद मा .सा .श्री रतनलाल जैन नपावलिया रतनगढ़ के नवनिर्मित भवन पर्व पधारे। श्री जैन परिवार को आशीषवचन एवं आशीर्वाद दिया इसके बाद नगर पालिका परिसर रतनगढ़ प्रवचन हुआ। जिसमें जैन समाज एवं गांव के कई आदरणीय प्रबुद्ध नागरिक प्रवचन में पधारे प्रवचन में मुख्य रूप से महाराज जी ने पुरुष के चारों पुरुषार्थ में धर्म को श्रेष्ठ बताया। उन्होंने कहा धर्म के बिना जीवन की सफलता संभव नहीं है संभव नहीं है आपने बताया कि इंसान के चरण सुंदर नहीं होते हैं आचरण श्रेष्ठ होता है आचरण और कर्म से ही इंसान समाज में महान और श्रेष्ठ माना जाता है अतः हमेशा अपने आचरण हम सबको श्रेष्ठ आचरण रखना चाहिए ,और जागो नर नारियों संत जगाने आया है गीत के माध्यम से प्रवचन सुनने पधारे सभी नागरिकों को धर्म की महिमा बताई आचार्य श्री अपने गुरु महाराज की के साथ 1990 में रतनगढ़ पधारे थे उसके 31 साल बाद 2021 में रतनगढ़ में आगमन हुआ ।आचार्य श्री के आगमन की व्यवस्था जैन संघ रतनगढ़ द्वारा की गई। प्रवचन के पश्चात गौतम प्रसादी रखी गई जिसमें सभी ने प्रसाद ग्रहण किया ।आज ही श्री रतन लाल जैन के नवनिर्मित भवन पर दोपहर 3:30 बजे मांगलिक एवं शाम 7:30 बजे धर्म चर्चा आचार्य श्री के द्वारा प्राप्त होगी रात्रि विश्राम के बाद प्रातः 8:00 आचार्य श्री उमर के लिए प्रस्थान करेंगे।