भोपाल। लव जिहाद के खिलाफ शिवराज सरकार के सख्त कानून धार्मिक स्वतंत्रता अध्यादेश को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की हरी झंडी मिल गई है. शिवराज कैबिनेट के अनुमोदन के बाद अध्यादेश के मसौदे को राज्यपाल की मंजूरी के लिए भेजा गया था और अब राज्यपाल ने अध्यादेश को मंजूरी दे दी है. राज्यपाल की मंजूरी के बाद अब राजपत्र में अधिसूचना प्रकाशित होगी और उसके बाद से अध्यादेश प्रभावी हो जाएगा। दरअसल शिवराज सरकार ने धार्मिक स्वतंत्रता अध्यादेश (Dharma Swatantrata Ordinance) के साथ ही मिलावट खोरी रोकने के लिए दंड विधि में संशोधन करके आजीवन कारावास के कड़े प्रावधान वाला अध्यादेश को मंजूरी दी है. राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने धर्म स्वतंत्र अध्यादेश के साथ ही सरकार के दूसरे अध्या देशों को भी मंजूरी दे दी है. राज्यपाल ने मध्य प्रदेश लोक सेवा प्रदाय गारंटी संशोधन अध्यादेश, मध्य प्रदेश राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग संशोधन अध्यादेश, मध्य प्रदेश वेट अध्यादेश, मध्य प्रदेश मोटर स्प्रिट उपकर संशोधन विधेयक, मध्य प्रदेश सहकारी सोसायटी अध्यादेश और दंड विधि अध्यादेश को मंजूरी दे दी है। लव जिहाद में मिलेगी इतनी सजा सरकार के सबसे महत्वपूर्ण धर्म स्वतंत्र अध्यादेश के लागू होने पर प्रलोभन बहला कर या साजिश के तहत किसी का धर्म नहीं बदलने का दबाव करने वालों को 10 साल की सजा और एक लाख तक का जुर्माना देना होगा. अधिनियम के तहत गलत व्याख्या करके अपना धर्म छुपाकर विवाह करने पर सख्त कार्रवाई होगी।
मिलावट की तो आजीवन कारावास की मिलेगी सजा
सरकार के मिलावट खोरी को रोकने के लिए दंड विधि संशोधन अध्यादेश को भी राज्यपाल की मंजूरी मिल गई है. इसके तहत मीलावट खोरी करने वालों को आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान किया गया है. एक्सपायरी डेट के बाद सामग्री की बिक्री पर 5 साल तक की सजा और एक लाख का जुर्माना होगा।