नीमच। पशु आहार के छिलके खाता है । मनुष्य आहार ग्रहण करता है । मनुष्य और पशु का जीवन समान होता है। लेकिन मनुष्य धर्म संस्कार के कर्म कर सकता है। लेकिन पशु धर्म संस्कार के कर्म नहीं कर सकता है। यही मुख्य अंतर होता है इसीलिए धर्म कर्म के बिना मनुष्य पशु समान होता है, 84 लाख योनि के बाद हमें मनुष्य जन्म मिला है।
इसलिए हमें धर्म कर्म का पुण्य सदैव नियमित करते रहना चाहिए ताकि हमारा पुण्य मजबूत हो और हमारा पुण्य मजबूत होगा तो हमारे जीवन का कल्याण हो सकता है। यह बात जैन दिवाकरीय श्रमण संघीय, पूज्य प्रवर्तक, कविरत्न श्री विजयमुनिजी म. सा. ने कही। वे श्री वर्धमान जैन स्थानकवासी श्रावक संघ के तत्वावधान में गांधी वाटिका के सामने जैन दिवाकर भवन में आयोजित चातुर्मास धर्म सभा में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि व्यक्ति चाहे कम ज्ञानी हो लेकिन सरल स्वभाव का होना चाहिए तभी उसके जीवन का कल्याण हो सकता है। धन संपत्ति सब यही त्याग कर जाना पड़ेगा इसलिए सदैव धर्म कर्म का पुण्य कर्म करते।
धर्म की शरण बिना संसार असार है। संसार में धन सत्ता वैभव यौवन सभी ओस की बूंद के समान है जो कुछ समय बाद समाप्त हो जाती हैं। धन दौलत संपत्ति राग द्वेष की गति को बढ़ाते हैं। धन दौलत संसार को बढ़ाते हैं। संपत्ति वैभव सब कुछ मिलने के बाद भी त्याग कर जो व्यक्ति धर्म कर्म का पुण्य कर्म करता है। वही सच्चा साधक होता है जीवन में संयम नियम पूर्वक धर्म का अंश स्वीकार करें तो जीवन पावन बनेगा। आगामी 15 अक्टूबर को प्रातः 9बजे रमेश मुनि जी महाराज साहब की चतुर्थ पुण्यतिथि के पावन उपलक्ष्य में आत्म शांति और आत्म कल्याण के उद्देश्य से जैन दिवाकर भवन में नो तीर्थ व नवग्रह की स्तुति के जाप होंगे। सभी श्रद्धालु भक्त समय पर उपस्थित होकर धर्म लाभ का पुण्य ग्रहण करें इस अवसर पर दोपहर में अपने मुन्ने बच्चों की जैन धार्मिक प्रतियोगिता आयोजित हो रही है। सभी समाजजन उत्साह के साथ भाग लेकर तपस्या के साथ अपने आत्म कल्याण का मार्ग प्राप्त कर रहे हैं।
चतुर्विद संघ की उपस्थिति में चतुर्मास काल तपस्या साधना निरंतर प्रवाहित हो रही है। इस अवसर पर विभिन्न धार्मिक तपस्या पूर्ण होने पर सभी ने सामूहिक अनुमोदना की। धर्म सभा में उपप्रवर्तक श्री चन्द्रेशमुनिजी म. सा, अभिजीतमुनिजी म. सा. अरिहंतमुनिजी म. सा, ठाणा 4 व अरिहंत आराधिका तपस्विनी श्री विजया श्रीजी म. सा. आदि ठाणा का सानिध्य मिला। चातुर्मासिक मंगल धर्मसभा में सैकड़ों समाज जनों ने बड़ी संख्या में उत्साह के साथ भाग लिया। इस अवसर पर श्री वर्धमान स्थानकवासी श्रावक संघ अध्यक्ष अजीत कुमार बम, चातुर्मास समिति संयोजक बलवंत मेहता, सागरमल सहलोत, मनोहर शम्भु बम्म, सुनील लाला बम्ब, निर्मल पितलिया, सुरेंद्र बम्म, वर्धमान स्थानकवासी नवयुवक मंडल अध्यक्ष संजय डांगी, आशा सांभर, शोभाराम वीरवाल, दिवाकर महिला मंडल अध्यक्ष रानी राणा, साधना बहू मंडल अध्यक्ष चंदनबाला परमार आदि लोग उपस्थित थे और संत दर्शन कर आशीर्वाद ग्रहण किया। धर्म सभा का संचालन प्रवक्ता निर्मल पीतलिया ने किया।