भोपाल। मध्य प्रदेश के सीधी जिले में हुए पेशाब कांड को लेकर सियासत थमती नजर नहीं आ रही है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पीड़ित दशमत रावत के चरण धोकर डैमेज कंट्रोल किया. लेकिन अब 'असली और नकली पीड़ित' को लेकर वाद-विवाद शुरू हो गया है.
विपक्षी दलों से लेकर सोशल मीडिया यूजर्स दावा कर रहे हैं कि पीड़ित की जगह किसी दूसरे शख्स को मुख्यमंत्री से मिलवाने भोपाल ले जाया गया. यह दावे दशमत रावत की कद-काठी, हुलिया और उसकी भाव-भंगिमाओं के आधार पर किए जा रहे हैं. उधर, सूबे की सरकार ने इस अफवाह का खंडन किया है. दरअसल, मध्य प्रदेश कांग्रेस ने रविवार को एक ट्वीट के जरिए दावा किया- ''सीधी पेशाब कांड में बड़ा खुलासा, शिवराज ने किसी और के पांव धोने की नौटंकी की, असली पीड़ित लापता हैं क्या?
शिवराज जी, इतना बड़ा षड्यन्त्र? मध्यप्रदेश आपको माफ नहीं करेगा.'' हालांकि, इससे पहले ही सोशल मीडिया यूजर्स तरह-तरह की बातों से पीड़ित के 'असली और नकली' होने का दावा करने लगे थे. एक शख्स ने लिखा, ''मेरे हिसाब से मध्यप्रदेश में आरोपी प्रवेश शुक्ला ने जिस आदिवासी लड़के पर पेशाब किया था वह और इस दशमत रावत में काफी असमानताएं हैं. पेशाब कांड वाले पीड़ित की उम्र 16 -17 से अधिक नहीं लग रही. जबकि जिसके पैर धुले गए वह 'दशमत रावत' की उम्र करीब 35 से 38 साल लग रही है' वायरल वीडियो में लड़के बाल काले, घने और घुंघराले थे. पीड़ित मानसिक विकलांग लग रहा था, जबकि दशमत रावत के बाल सफेद हैं और मानसिक स्वास्थ्य भी बिल्कुल ठीक है.''