रतनगढ़ घाट सेक्शन रोड किनारे नाला निर्माण मे ठेकेदार की मनमानी से रहवासियो मे भारी असंतोष व्याप्त

निर्मल मूंदड़ा April 26, 2023, 8:14 pm Technology

बिना मापदंड के नाला निर्माण व जिम्मेदारों की चुप्पी के बीच स्थानीय रहवासियों द्वारा सोशल मीडिया पर निकाली जा रही है अपनी भड़ास

रतनगढ। रतनगढ़ मे घाट निर्माण एवं सड़क चौड़ीकरण से रोड के दोनों तरफ लगभग 150 से भी अधिक रहवासी एवं दुकानदार अपना व्यापार व्यवसाय पूरी तरह से चौपट होने के कारण पिछले 8 से 9 माह से बुरी तरह से परेशान हो रहे हैं। लेकिन उनकी कोई सुनने वाला नहीं है।

ज्ञात रहे कि रतनगढ मे गुंजाली नदी पुलिया से घाट सेक्शन तक 3.6 कि.मी.लम्बे व ₹ 24.13 करोड़ लागत के इस घाट सेक्शन के चौड़ीकरण व रोड के दोनों तरफ पानी निकासी हेतु निर्माणाधीन नाले की ऊंचाई देखने के बाद पूर्व मे आक्रोशित रहवासियों ने नायब तहसीलदार श्रीमती मोनिका जैन को उच्चाधिकारियों के नाम ज्ञापन देकर रोड की ऊंचाई 3 से 4 फीट कम करने की मांग की थी।

भारी विरोध को देखते हुए कैबिनेट मंत्री सकलेचा ने हस्तक्षेप कर व्यापारियों की सुविधा को दृष्टिगत रखते हुए एमपीआरडीसी के इंजीनियर सुपेकर एवं रोड निर्माण कंपनी के ठेकेदार से रोड एवं नाले की ऊंचाई कम कर बनाने का निर्देश प्रदान किया। लेकिन वर्तमान में जो नाला निर्माण किया जा रहा है।

उसमें ठेकेदार के कर्मचारियों द्वारा कहीं पर 7 मीटर कहीं पर 7:30 मीटर तो कहीं पर 8:30 मीटर पर नाला बनाया जा रहा है। इसके साथ ही नाले की गुणवत्ता का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि नाला निर्माण के मात्र 6 घंटे बाद ही वह धराशाई हो गया। मात्र एक रोड साइड पर ही पिछले 6 माह में 4 से 5 इंजीनियर बदल गए।

हर बार नया इंजीनियर आकर अपनी मनमानी करता है। और नया नाप लेता है। बिना किसी मापदंड के बनाए जा रहे नाले में कहीं पर नाले की ऊंचाई बहुत अधिक तो कहीं बहुत कम कर दी गई है। जिससे रहवासियों में आक्रोश पनप रहा है। संभागीय स्तर के शासकीय इंजीनियर सुपेकर का ट्रांसफर हो जाने और अभी तक नए सरकारी इंजीनियर के द्वारा एक भी बार घाट सेक्शन के निर्माण कार्यो का निरीक्षण नहीं किए जाने के कारण पूरी तरह से भगवान भरोसे कार्य चल रहा है।

इसके साथ ही जिनकी दुकानें नपती के बाहर थी। उन दुकानों को भी आगे से नाले के बीच में आने की बात कह कर इंजीनियर द्वारा तुड़वा दिया गया। लेकिन जब नाला बना तो उन दुकानों से काफी बाहर नाले का निर्माण किया गया।

अब जिन व्यापारियों को आर्थिक नुकसान का खामियाजा भुगतना पड़ा उसकी भरपाई कौन करेगा। लापरवाही का आलम देखिए कि नाले के बीच में आ रहे विद्युत पोल को भी नहीं निकालते हुए नाले का निर्माण कर दिया गया। इस बीच जिम्मेदारों ने पूरी तरह से मौन साध रखा है। जिसके कारण स्थानीय रहवासी एवं व्यापारी सोशल मीडिया पर अपनी भड़ास निकाल रहे हैं।

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