जीरन। भगत और भगवान के बीच की दूरी तय करने के लिए भक्ति ही एक ऐसा उपाय है जो मनुष्य को अपनी मंजिल तय करने में सहायक है भागवत कथा उसका सरलतम मार्ग है।जिसके श्रवण मात्र से मोक्ष प्राप्त होता है। जीरन के समीप ग्राम अरनिया चूण्डावत में परम संत ब्रह्मलीन परम संत श्री सीतारामदास जी महाराज की स्मृति में नो दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन, आयोजक समिति अरनिया चूण्डावत के द्वारा किया जा रहा है। कार्यक्रम का शुभारंभ 21 मई को वीर हनुमान मंदिर कुचड़ोद से शाम 4 बजे से कलश यात्रा के साथ प्रारंभ होकर कथा स्थल अरनिया चुण्डावत पहुँचेगी नो दिवसीय कार्यक्रम में श्री संत सीतारामदास जी महाराज की समाधि स्थल पर प्रातः 7 बजे से दोपहर 1 बजे तक प्रतिदिन हनुमानजी का महायज्ञ किया जाएगा और प्रति दिन रात्री में 8 बजे से 10 बजे तक किर्तन किया जाएगा। वही महऋषि शशिकांत सारस्वत के मुखारविंद से श्रीमद्भागवत कथा का पाठ व्यासपीठ से किया जाएगा कथा स्थल गुरुआश्रम रामघाट ग्राम अरनिया चूण्डावत तहसील जीरन रहेगा कथा का समय दोपहर 2 बजे से 6 बजे तक रहेगा आयोजक एवम निवेदक ग्राम अरनिया चूण्डावत, कुचड़ोद, नयाखेड़ा, ने समीप ग्राम धोकलखेड़ा, अरनिया बोराना, जीरन, दलपतपुरा, अघोरिया, हरवार, फोफलिया, रायनखेड़ा, उगरान, कनघट्टी, सोनी रूपी, जेतपुरा, अमरपुरा, परासलि, भैसाखेडा, जेतपुरा, काचरिया, छाछखेड़ी, बरखेड़ा गुर्जर के समस्त ग्रामवासियों की धर्मप्रेमी जनता से आग्रह किया है कि अधिक से अधिक संख्या में पधार कर धर्मकथा का लाभ ले।