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राम को मिला अयोध्या का राज "इसके साथ हुआ रामकथा का समापन, रामकथा में महाभोज का कार्यक्रम संपन्न

विकास सुथार May 16, 2022, 8:07 am Technology

जीरन। विजय हनुमान मंदिर पर आयोजित नौ दिवसीय भव्य राम कथा का कार्यक्रम आज समापन हुआ आज 9 दिन मैं साध्वी रितु पांडे द्वारा श्री राम के चरित्र चित्रण पर वर्णन किया गया जिनमें उनके द्वारा कहा गया कि मित्र मिल सकता है रिश्तेदार मिल सकता है दुनिया में हर व्यक्ति दूसरा मिल सकता है परंतु अपने भाई जैसा भाई कभी नहीं मिल सकता है राम व लक्ष्मण मैं ऐसा अटूट प्रेम था कि जब लक्ष्मण जी को ब्रह्मास्त्र लगा का तब श्री राम जी ने हनुमान जी को जब संजीवनी बूटी लाने को कहा तब श्री राम ने कहा था कि तुम सूर्योदय के पहले बूटी लेकर आ जाना जब हनुमान जी को आते हुए देख भरत ने हनुमान जी के पैर में तीर लगा दिया था तब उनकी माता कौशल्या ने कहा था कि श्रीराम से जाकर कहना कि अगर मेरा लक्ष्मण जिंदा ना लौटे तो तुम भी कभी अयोध्या मत लोटना तब भरत जी ने कहा था कि मेरे भाई को ऐसा मत कहना क्योंकि पूरे संसार के प्राणी एक तरफ है और मेरा भाई श्री राम जो है उनके लिए लक्ष्मण भाई एक तरफ है साध्वी जी ने कहा है कि जिस प्रकार सीता जी ने अग्नि परीक्षा दी थी उस प्रकार मनुष्य को भी पग पग पर अग्नि परीक्षा देनी पड़ रही हैं। प्रभु श्री राम के चरणों में अपना ध्यान लगाइए जिससे अग्निपरीक्षा तो देना पड़ेगी परंतु उस परीक्षा में आप अवश्य पास होंगे कथा में कहा गया कि श्रीराम जैसा त्यागी कोई नहीं और श्री हनुमान जैसा भक्त कोई नहीं हनुमान जी का भक्त आज तक कोई नहीं कहलाया है जिन्होंने विभीषण के भरी सभा में अपना सीना चिर कर श्री राम सीता के दर्शन करवाए थे जब साध्वी जी द्वारा भरत मिलाप का वर्णन किया गया सब कथा सुन रहे भक्तजन भावुक हो उठे साध्वी जी द्वारा कहा गया कि रावण इतना चतुर था कि उसने श्री रामचंद्र को कहा कि मैंने जीते जी तुमको मेरी लंका में नहीं जाने दिया और मैं मरने के बाद तुम्हारे स्वर्ग में अवश्य जाऊंगा अगर तुम रोक सको तो रोक लो श्री रामचंद्र भगवान ने उत्तर दिया कि रावण तुम बहुत विद्वान पंडित हो परंतु तुमने मोक्ष प्राप्ति के लिए ऐसा कदम उठाया मैं जानता था कि मेरे हाथों मृत्यु से तुम्हें मोक्ष प्राप्ति हो जाएगी इसीलिए तुम ने सीता का हरण किया। कथा में पहले दिन शोभायात्रा और फिर चौथे दिन मारुति नंदन यज्ञ फिर आठवें दिन श्री विजय हनुमान मंदिर पर कलश स्थापना के बाद अंतिम दिवस में रितु पांडे द्वारा बहुत ही मार्मिक कथा की गई जिसमें भक्तजनो की आंखें बहने लगी बहुत ही सरल सरल भाव में साध्वी द्वारा राम कथा का वर्णन किया गया। धार्मिक नगरी जीरन में 2 साल बाद ऐसा भव्य कार्यक्रम आयोजित हुआ है जिसमें पूरे गांव का महा प्रसादी का कार्यक्रम साईं 4:00 से देर रात तक चला जिसमें गांव के हर वर्ग के नागरिकों ने प्रसाद पावन किया कार्यक्रम में संजय साउंड द्वारा अपने माता पिता के स्मृति में निशुल्क सेवा प्रदान की है कार्यक्रम में कई प्रकार की सेवा निशुल्क रही जो धार्मिक प्रवृत्ति से तालुकात रखते हैं जीवन की जनता ने बढ़ चढ़कर दान राशि अर्पित की और कार्यक्रम की शोभा बढ़ाने के लिए हर वर्ग के व्यक्ति ने अपनी जी जान कार्यक्रम में लगा दी एक सफल आयोजन के लिए श्री विजय हनुमान मंदिर समिति का बहुत सराहनीय योगदान रहा।

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