नीमच आदि गुरू शंकराचार्य जी की जंयती प्रतिवर्ष वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है इस अवसर पर एकात्म पर्व का आयोजन जिला पंचायत सभाकक्ष नीमच में किया गया। आयोजन में मुख्य अतिथि जिला पंचायत प्रधान श्रीमती अवंतिका मेहरसिंह जाट, मुख्य वक्ता धनवंतरी विद्यापीठ के महामण्डलेश्वर शसुरेशानंद सरस्वती, सुरेन्द्र सिंह शक्तावत इतिहासविद विशिष्ट अतिथि वीरेन्द्र पाटीदार सांसद प्रतिनिधी, एस.डी.एम. नीमच डॉ. ममता खेडे, अशोक जोशी किरण शर्मा एवं संत नरसिंह वैष्णव थे। महामण्डलेश्वरजी एवं अतिथियों द्वारा आचार्य शंकर के चित्र पर माल्यापर्ण एवं दीप प्रज्जवलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। रूचिका महावर एवं सुधा महावर ने शंकराचार्य द्वारा रचित महिषासुर मर्दनी स्त्रोत का पाठ किया एवं प. दशरथ शर्मा एवं पं. परसराम जी शर्मा द्वारा मंत्रोच्चारण किया गया। अतिथियों द्वारा महामण्डलेश्वर जी का शॉल श्री फल से सम्मान किया गया। जिला समन्वयक वीरेन्द्र सिंह ठाकुर ने स्वागत उदबोधन देकर कार्यकम की रूपरेखा बताई। अतिथियों का स्वागत ताराचंद पाईवाल, राजेन्द्र सिंह चौहान, उदल हायरी, नीलू योगीने किया। मुख्य वक्ता महामण्डलेश्वर सुरेशानंद जी ने आचार्य शंकर के अद्वैत मत के संदर्भ में आचार्य शंकर के जीवन वृत्त एवं वर्तमान जीवन में सनातन धर्म को अपनाने कर अपनी संस्कृति सभ्यता को विश्व में प्रथम स्थान पर रख जीवन को सफल बनाने कें लिए मार्गदर्शन दिया। डॉ. सुरेन्द्र सिंह शक्तावत एंव एस डी एम डॉ ममता खेडे ने आचार्य शंकर के जीवन दर्शन से सभी को अवगत कराया। मुख्य अतिथि अवंतिका मेहर सिंह जाट ने पूर्व में निकाली गई एकात्म यात्रा, ओंकारेश्वर में स्थापित होने वाली आचार्य शंकर की अष्ट धातु की प्रतिमा एवं एकात्म पर्व के महत्व को बताया। अतिथि वीरेन्द्र पाटीदार, संत नरसिहं वैष्णव, पं दशरथ शर्मा, अशोक जोशी ने भी एकात्म पर्व पर पर अपना मार्गदर्शन दिया।
आयोजन में प्रबुद्धवर्ग, समाजसेवी, प्राध्यापक, शिक्षक, समाज के वरिष्ठ नागरिक, प्रस्फुटन समिति सदसय, नवांकुर संस्था सदस्य, कोरोना वालेंटियर्स, सामाजिक कार्यकर्ता, आंगनवाडी कार्यकर्ता, स्व सहायता समूह, एन.एस.एस. स्वयंसेवक, विद्यार्थी, शेधार्थी सहित विभागीय अधिकारी एवं कर्मचारियों ने सहभगिता कर कार्यक्रम के सफल आयोजन में अपना योगदान दिया। संचालन पवन कुमरावत ने किया एवं आभार जिला समन्वयक वीरेन्द्र सिंह ठाकुर ने माना।