मात्र साढ़े 9 वर्ष की उम्र में आया वैराग्य और ईशान चल दिए दीक्षा की और सेकड़ो लोग बने ऐतिहासिक पल के साक्षी पढ़े ख़ास खबर

दुर्गाशंकर लाला भट्ट April 28, 2022, 4:06 pm Technology

जीरन। परम पूज्य आचार्य बंधुबेलडी श्री जिन चन्द्रसुरिश्वर म.सा.,परम पूज्य आचार्य हेमचंद्र सुरिश्वर म.सा. की पावन निश्रा में भगवती दीक्षा अंगीकार करने जा रहे रतलाम के विशाल कोठारी के साढे 9 वर्षीय एक लोते पुत्र ईशान कोठारी सांसारिक जीवन को त्याग कर संयम जीवन की ओर अग्रसर हो रहे हैं।

मुमुक्षु दीक्षार्थी चीता खेड़ा के शांतिलाल खिमेसरा के दोयता ईशान कोठारी का दीक्षा वर्षी दान वरघोड़ा गुरुवार को प्रातः 9:00 श्री मुनीसुव्रत स्वामी जिनालय से बैंड बाजेऔर ढोल धमाकों के साथ प्रारंभ हुआ। वरघोड़ा में बड़ी संख्या में जैन व अजैन महिला पुरुष युवा बच्चे बुजुर्ग सहभागी बने। दीक्षा के वर्षी दान वर घोड़े में नगदी, कपड़े, बर्तन, खिलौने, चॉकलेट आदि का वर्षी दान किया।

मुमुक्षु ईशान कोठारी के चेहरे पर लेस मात्र का भी यह गम नहीं है कि वह संसार की असारता को त्याग करके सारे सुख वैभव छोड़कर परिवार के सारे रिश्ते नाते छोड़कर साधु जीवन यापन करके अपनी आत्मा के कल्याण के मार्ग को चुना है। मुमुक्षु ईशान कोठारी 26 मई 2020 को दीक्षार्थी मुनि एवं साधु वेश के साथ साधु जीवन प्रवेश कर संयम जीवन को अंगीकार करेंगे।

सब कुछ छोड़ कर त्याग के मार्ग पर मुमुक्षु दीक्षार्थी ईशान कोठारी अग्रसर हो चुके हैं, 28दिन के पश्चात संसार के सारे सुख वैभव का त्याग करके यह मुमुक्षु भाई धर्म के मार्ग पर चल पड़ेंगे। चीता खेड़ा जैन श्री संघ के तत्वावधान में मुमुक्षु दीक्षार्थी ईशान कोठारी का दीक्षा के वर्षी दान वरघोड़ा गाजे-बाजे के साथ श्री मुनीसुव्रत स्वामी जिनालय से प्रातः 9:00 प्रारंभ हुआ।

दीक्षार्थी बग्गी में मुक्त हस्त से वर्षी दान प्रसन्न मुद्रा में करते नजर आए , वही मुमुक्षु के पिता विशाल कोठारी और उनकी माता श्रीमती पायल कोठारी तथा ईशान की छोटी बहन जो त्याग व तप के रंग में रंगे हुए थे जो बग्गी में विराजमान थे। भव्य वरघोड़ा जिस मार्ग से परिभ्रमण करता हुआ निकला जगह- जगह घर -घर जैन व अजैन महिला पुरुषों, युवा वर्ग, बच्चे, बुड्ढों ने पुष्प वर्षा कर श्रीफल साल भेंटकर बहुमान किया।

दीक्षार्थी ईशान कोठारी बग्गी में मुक्त हस्त से प्रसन्न मुद्रा में नगदी कपड़े, बर्तन, अक्षत, चौकलेट आदि वस्तुओं का जमकर वर्षी दान कर रहे थे। दीक्षा के वर्षी दान वर घोड़े में बड़ी संख्या में बच्चे बुजुर्ग महिला पुरुष वर्षी दान को जमकर लूटने की होडा होड में लगे हुए थे। दीक्षा के वर्षी दान का वरघोड़ा श्री मुनीसुव्रत स्वामी जिनालय से प्रारंभ हुआ जो जैन गली, चांदनी चौक,बस स्टैंड, चेनपुरा चौराहा,सदर बाजार से परिभ्रमण करते हुए आराधना भवन पहुंचते पहुंचते धर्मसभा में परिवर्तित हो गया।

छोटी सी श्राविका प्रतिष्ठा चौरड़िया एवं सुरेंद्र महिला मंडल द्वारा स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया। जैन समाज ट्ष्टिगणों ने मुमुक्षु ईशान कोठारी के साथ माता-पिता का भी बहुमान तिलक माला के साथ किया गया। इसी के साथ माली समाज के अध्यक्ष नंदराम पटेल द्वारा मुमुक्षु ईशान कोठारी का तिलक माला श्रीफल के साथ बहुमान किया गया। धर्म सभा में मुमुक्षु ईशान कोठारी ने कहा सचिन तेंदुलकर और महेंद्र सिंह धोनी ने बचपन से हाथ में बेड पकड़ा तो दुनिया में आज मास्टर ब्लास्टर बने।

लता मंगेशकर ने बचपन से गाना सिखने का रिहाज किया संसार में संगीत की सम्राटिय बनी। जो काम बचपन में करना चाहिए वो यौवन में करते हो जो काम यौवन में करते हो वो काम बुढ़ापे में करते हो। संसार उल्टा है इंसान उल्टे काम करता है, दीक्षा लेने के लिए उम्र नहीं चाहिए।

इन्होंने किया मुमुक्षु का बहुमान :-

दीक्षा के वर्षी दान का वरघोड़ा गांव के मुख्य मार्गों से निकाला तो मुमुक्षु ईशान कोठारी का बहुमान करने के लिए घर-घर चौक चौराहों पर पलक पांवड़े बिछाए हुए अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे। भारतीय जैन श्वेताम्बर युवा मंच,नाकोड़ा भैरव मित्रमंडल,चीताखेडा सुरेन्द्र महिला मंडल, आंवरीमाताजी मंदिर समिति अध्यक्ष सहित अन्य कई वरिष्ठ गणमान्य लोगों सहित सभी ने मौका मिलते ही तिलक लगाकर मोतीयों की माला पहनाकर श्रीफल भेंटकर बहुमान किया है।

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