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कदवासा मे रविवार से गुरुवार तक हुई 5 मौतो के बाद भी प्रशासनिक अनदेखी कही पड ना जाए भारी

निर्मल मूंदड़ा April 30, 2021, 2:06 pm Technology

ग्रामीणों में डर एवं दहशत का वातावरण, प्रशासन पूरी तरह से बेखबर जावद। जहां नीमच जिले के जावद उपखंड में अचानक वैश्विक महामारी का कहर आमजन की जिंदगी में बुरी तरह से हावी हो चुका है एवं पिछले 5/7 दिनों में जावद क्षेत्र में भी कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या में दिन- प्रतिदिन इजाफा होता जा रहा है ऐसे समय में पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष लोगों की थर्मल स्क्रीनिंग एवं सैंपल टेस्टिंग अभी तक भी पूरी नहीं किए जाने का निर्णय पूरी तरह से समझ से परे है गत वर्ष जब क्षेत्र में कोरोना वायरस मरीजों की संख्या नाम मात्र की भी नहीं थी तब डोर टू डोर स्क्रीनिंग किया जाना एवं अब जब प्रतिदिन मरीज बढ़ते जा रहे हैं एवं मृत्यु दर भी बढ़ गई है।एसे मे स्क्रीनिंग एवं सैंपलिंग की सख्त आवश्यकता है ऐसे समय में इस प्रकार की प्रशासनिक अनदेखी के चलते बड़ी घटना घटित होने से इनकार नहीं किया जा सकता।पिछले कुछ दिनों से सिंगोली तहसील के अंतिम छोर पर बसा गांव कदवासा मे बिमारी की वजह से सन्नाटा पसरा हुआ है ग्रामीणों के अनुसार गांव में सर्दी खांसी एवं टाइफाइड वायरल बुखार के मरीजों की तादाद बड़ी संख्या में होने एवं पिछले 10 दिनों में लगभग 7 से अधिक मौतें होने के बाद भी प्रशासन पूरी तरह से बेखबर बना हुआ है रविवार से गुरुवार तक लगातार 5 मौते हुई है। पत्रकार दिनेश पालीवाल के अनुसार अभी तक ना तो स्वास्थ्य विभाग का कोई अमला और ना ही प्रशासनिक अधिकारियों का दल ग्रामीणों की खैर खबर या जायजा लेने के लिए वहां पहुंचा है। विशेष बात यह है मृतकों में जहां 1 व्यक्ति की उम्र 80 वर्ष व 1 की 52 वर्ष है इसके अलावा जितनी भी मौत हुई है उन सभी की उम्र 32/35/40 वर्ष के लगभग ही है। एवं सभी को वायरल फीवर, टायफाइड, सर्दी जुकाम या यूं कहें कि कोरोना के लक्षण पाए जाने के बाद भी अभी तक शासन प्रशासन का अमला कोरोना संक्रमण की जांच सेंपलिंग करने के लिए यहां नहीं पहुंचा है। ग्रामीण भी डर एवं दहशत के चलते अपनी कोविड-19 करवाने बाहर नहीं जा रहे हैं। प्रशासन की बिल्कुल सख्ति नहीं होने की वजह से गांव के अंदर धड़ल्ले से शादी ब्याह,मौसर सहित अन्य आयोजन एवं जीमण भी हो रहे हैं जिसमे कोरोना गाइडलाइन एवं सोशल डिस्टेंसिंग का धड़ल्ले से उल्लंघन होते हुए बड़ी संख्या में ग्रामीणों की भीड़ उमड़ रही है। ग्राम पंचायत द्वारा भी स्वच्छता का बिल्कुल ध्यान नहीं दिया जा रहा है अभी तक गांव मे कीटनाशक दवाई एवं सैनिटाइजर का छिड़काव भी नहीं करवाया गया है। ग्राम में अधिकांश घरों में सर्दी,जुकाम, टाइफाइड एवं वायरल फीवर के मरीज होने के बाद ही प्रशासन का इस ओर कोई ध्यान नहीं होने से ग्रामीणों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। गांव में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर चिकित्सक नहीं होने एवं वहां पर दवाइयां भी नहीं होने के चलते मजबूरन गांव वाले झोलाछाप डॉक्टरों एवं प्राइवेट क्लीनिक के भरोसे अपना जीवन बचाने की जुगत में लगे हुए हैं।अब भी अगर समय रहते ध्यान नहीं दिया गया तो गांव की बहुत ही बुरी दयनीय स्थिति होने वाली है जिसकी जवाबदारी आखिर किसकी रहेगी।

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