माहेश्वरी समाज भवन मंदसौर पर पलोड़ परिवार द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत कथा में उमड़ रहा है। आस्था का जनसैलाब
रतनगढ़। कलयुग में भगवान के स्मरण मात्र से मोक्ष की प्राप्ति होती है।अपना कर्म करते- करते भी भक्ति मे अपना ध्यान लगाओ तो निश्चित रुप से आपका कल्याण होगा।श्रीमद्भागवत कथा अमृत के समान है।इसका हमें अवश्य रसपान करना चाहिए। उक्त आशय के विचार श्री माहेश्वरी समाज भवन रुद्राक्ष मंदसौर पर पलौड़ परिवार द्वारा आयोजित सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के दौरान मंच पर विराजित संत श्री ललित जी राजपुरोहित महागढ़ के द्वारा अपने प्रवचनों के दौरान भक्तो के बीच व्यक्त किये।कथा प्रवचनों के दौरान प्रतिदिन श्रद्धालु महिला पुरुष भक्तों की आस्था का जन सैलाब उमड़ रहा है।संत श्री ने अपने प्रवचनों के दौरान पंचतत्वो की विशेषता बताते हुए कहा कि भूमि, आकाश, जल, वायु और अग्नि इनसे मिलकर मनुष्य की उत्पत्ति हुई है।
संत श्री ने ज्ञान, वैराग्य, भक्ति, सतयुग, त्रेतायुग, द्वापर युग और कलयुग सहित 24 अवतार, ब्रह्माजी के मानस पुत्रों का वृतांत,चतुर श्लोकी भागवत के बारे में बताया।संत श्री ने आगे बताया कि पैसा, पुत्र,पत्नि एवं पुण्य सभी एक ही राशि के होने के बाद भी केवल पुण्य ही अंतिम समय में हमारे साथ जाता है।संत श्री ने गृहस्थ जीवन की विशेषता बताते हुए बताया कि गौमाता को चारा पानी,पशु पक्षियों को दाना पानी,धर्म कर्म व परोपकार के कार्य आदि ग्रहस्थ मनुष्य के द्वारा ही किए जाते हैं। इस भागवत कथा के साथ दिवसीय श्रवण माता से राजा परीक्षित की तरह हमारा भी कल्याण होगा।कथा प्रवचनों के दौरान बीच बीच मे आने वाले रोचक वृतांत व सुंदर जीवट झांकियो व सुमधुर भजनों की धुन पर श्रद्धालु महिला पुरुष भक्तगण भगवान की भक्ति में लीन होकर अपने आप को थिरकने से नहीं रोक सके। इस दौरान कथा के मनोरथी परिवार के सत्यनारायण, ओमप्रकाश, अशोक कुमार एवं सुरेश चंद्र पलोड़ का स्थानीय माहेश्वरी समाज के पदाधिकारीयो सहित वरिष्ठ भाजपा नेता मदनलाल राठौर, मानसिंह माच्छुपुरिया, हिम्मत डांगी, नरेश चंदवानी आदि के द्वारा स्वागत सम्मान किया गया।