मुख्यमंत्री ने कल ट्वीट किया कि 31000 रेमिडिसिवर इंजेक्शन आ चुके है और आज 12000 आने वाले है। पूर्व मंत्री अजय विश्नोई ने मुख्यमंत्री को ट्वीट किया कि महाराष्ट्र में 50000 मरीजों के लिए 457 मेट्रिक टन ऑक्सीजन लगी जबकि मध्यप्रदेश में 5000 मरीजों के लिए 732 टन ऑक्सीजन खर्च कैसे हुई? ये सरकारी आंकड़े है।
43000 रेमिडिसिवर इंजेक्शन के बाद भी इंदौर में कल एक भी इंजेक्शन नही मिला। ऑक्सीजन सिलेंडर मरीज में परिजन खुद ला रहे है। महाराष्ट्र में दस गुना मरीज होने के बाद भी ऑक्सीजन कम खर्च हुई! आखिर ये दोनों जीवनरक्षक चीज़ें कहां जा रही है। इनकी कालाबाजारी हो रही है या आपके आंकड़े झूठे है दोनों में से क्या सही है ये जनता को जानना जरूरी है। कांग्रेस नेता तरुण बाहेती ने प्रेस नोट के माध्यम से प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान पर सवाल दागा कि कल इंदौर में मेरे अति करीबी को इंजेक्शन नही मिला, मेरे लाख प्रयास करने के बाद व्यवस्था जयपुर से हो पाई। मुख्यमंत्री आप ही बता दीजिए कहाँ है इंजेक्शन औऱ ऑक्सीजन --?