नीमच! नीमच जिला देश में अपनी मसाला और औषधीय फसलों के उत्पादन के कारण विशिष्ठ पहचान रखता है। इसी मसाला फसल की सूची में एक फसल और सम्मिलित हुई है कसूरी मेथी। कसूरी मेथी सामान्य मेथी से भिन्न है और अपनी विशिष्ठ सुगंध के कारण भारतीय व्यंजनों मे इसका बहुतायत से उपयोग होता है । इस मेथी कि पत्तियों को सुखाकर उसका उपयोग मसाले के रूप में किया जाता है। ये नवाचार जिले के 3 कृषकों द्वारा किया गया है श्री अजीत कुमार बंब नीमच, श्री प्रभु लाल धनगर कनावटी और श्री राम प्रसाद नानपुरिया जावद । कृषकों को आवश्यक जानकारी और मार्गदर्शन आत्मा नीमच द्वारा उपलब्ध कराया गया तथा विक्रय हेतु बाजार भी उपलब्ध करने के प्रयास किए जा रहे है। कसूरी मेथी लगाने के बाद 40 दिन पर पहली कटाई की गई और उसके बाद प्रत्येक 20 दिन पर कटाई की गई और फसल को अच्छे तरीके से सुखाया गया। सूखी पत्तियों को साफ और सुरक्षित स्थान पर भंडारित किया गया और दो मसाला उत्पादकों को इसका नमूना भेजा गया है । जिससे ये अच्छी दरो पर बिक सकें। इस संबंध में ये प्रयास भी किए जा रहे है कि किसान स्वयं इसको छोटी पैकिंग कर विक्रय कर सके।