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मंदसौर संसदीय क्षेत्र की रेल सुविधाओं में कटोती हो सकती हैं- डाक्टर सम्पत स्वरूप जाजू पूर्व विधायक

neemuch headlines September 4, 2020, 1:27 pm Technology

नीमच! प्रधानमंत्री मोदीजी ने आत्मनिर्भर भारत की बात कही हैं और प्रदेश के मुख्यमंत्रीजी आत्मनिर्भर जिलों की और शहरों की बात कर रहे हैं और योजनाये बना रहे हैं! कोई भी शहर या क्षेत्र तभी आत्मनिर्भर बन पायेगा जब उस क्षेत्र की अधोसंरचना सुदृढ़ होगी! अधोसंरचना में सबसे प्रमुख यातायात आता हैं और भारत में एक दूसरे प्रांतो और शहरों को जोड़ने का सबसे सुगम और सस्ता यातायात का साधन भारतीय रेल हैं . संसदीय क्षेत्र के विकास के लिये और आत्मनिर्भरता के लिये रेल यातायात जितना सुगम होगा उतना ही विकास होगा .पूर्व में भी जब दिल्ली मुंबई इंडस्ट्रीयल कारिडोर स्वीकृत हुआ था उसमें रेल फ़्रेट कारिडोर ( माल गाड़ियों के लिये तीसरी अलग से रेल लाइन ) भी स्वीकृत की गई थी, जिस पर अभी तक कोई कार्य नही हुआ! रेल्वे मंत्रालय ज़ीरोबेस टाईमटेबल पर कार्य कर रहा हैं और उसको लागू करने की योजना हैं! ज़ीरोबेस टाईम टेबल में लगभग 10000 स्टापेज और 500 ट्रेनें हमेशा के लिये बंद करने के प्रस्ताव हैं! ज़ीरो बेस टाईम टेबल की सबसे प्रमुख बात यह हैं कि लंबी दूरी की ट्रेनें आदर्श रूप से एक दूसरे स्टेशन से 200km दूर तक नही रुकेंगी . दूसरी बात यह हैं कि जो ट्रेनें बंद होंगी उनको अन्य ट्रेनों में समायोजित किया जायेगा ..

माना जा रहा हैं कि रेलमंत्रालय सुझावों को स्वीकार कर उसको क्रियान्वयन करने जा रहा हैं . डाक्टर जाजू ने कहा कि मंदसौर संसदीय क्षेत्र को वर्तमान में रेल सुविधाएँ तो मिल नही रही हैं अभी भी देश के कई प्रमुख राज्यों के लिये रेल सुविधा उपलब्ध नही हैं.जिसका ख़ामियाज़ा क्षेत्र भुगत रहा हैं .रेल मंत्रालय की प्रस्तावित ज़ीरो टाईम टेबल से जो सुविधाएँ हैं उनमें से कई सुविधाएँ समाप्त हो सकती हैं ..

डाक्टर जाजू ने बताया कि संसदीय क्षेत्र चार तरफ़ से रेल मार्ग से जुड़ा हैं!

एक कोटा - शामगढ़ -नागदा

दूसरा अजमेर -चित्तोड़गढ /रतलाम

तीसरा मंदसौर /चित्तोड़गढ /बूंदी /कोटा

चौथा मंद्सौर /चित्तोड़गढ /उदयपुर

प्रस्तावित ज़ीरो टाईम टेबल का असर इन चारों रेल लाइनों पर पड़ेगा! डाक्टर जाजू ने कहा कि रेल मंत्रालय निजी आप्रेटर्स से अनुबंध कर निजी ट्रेनों का संचालन भी करने जा रहा हैं जिसमें किन स्टेशनों पर स्टापेज रहेंगे वह निजी आप्रेटर ही तय करेगा! मंद्सौर संसदीय क्षेत्र से गुजर रही इन लाइनों पर निजीक्षेत्र में (जैसी जानकारी मिल रही हैं )ट्रेनें चलाने के प्रस्ताव हैं दिल्ली - मुंबई (शामगढ , सुवासरा , गरोठ होते हुए), जयपुर अजमेर चित्तोड़गढ रतलाम होते हुए मुंबई , उदयपुर - मुंबई (नीमच रतलाम होते हुए)है! संसदीय क्षेत्र से तीन केबिनेट मंत्री हैं और वरिष्ठ सांसद हैं एवम् कई वरिष्ठ विधायक हैं उनसभी से अनुरोध हैं कि वे रेल यातायात का लाभ कैसे संसदीय क्षेत्र को मिले संज्ञान में लेकर सुनिश्चत करे की संसदीय क्षेत्र को में रेल सेवा में क़टोती नही होगी और अन्य रेल सेवाओं का लाभ भी क्षेत्र के लोगों को मिलेगा! समय रहते हमारे जनप्रतिंधि नही चेते तो कई रेल सुविधाओं संसदीय क्षेत्र से समाप्त हो सकती हैं जैसा कि पूर्व में कई लम्बी दूरी के स्टापेज का लाभ मिलना बंद हो गया था!

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