उज्जैन। श्रावण मास का अंतिम सोमवार… और श्री महाकालेश्वर की अलौकिक भस्म आरती। आज उज्जैन की प्राचीन नगरी फिर से हर हर महादेव के जयकारों से गूंज उठी । सुबह ब्रह्म मुहूर्त में जब महाकाल की भस्म आरती प्रारंभ हुई, तो मंदिर प्रांगण में एक अद्भुत, दिव्य वातावरण बन गया। हजारों श्रद्धालु, दूर-दराज से आए भक्त, होठों पर भोले का नाम, आँखों में भक्ति का नूर और दिल में एक ही कामना आज महाकाल की भस्म आरती का साक्षात् दर्शन हो जाए। महाकाल की आरती केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि आत्मा की जागृति है। जब भस्म से श्री महाकाल का श्रृंगार होता है, तो ऐसा प्रतीत होता है जैसे प्रकृति स्वयं शिव में लीन हो रही हो। भक्तों की भीड़ इतनी अधिक रही कि मंदिर प्रबंधन को अतिरिक्त व्यवस्था करनी पड़ी। ऑनलाइन दर्शन की सुविधा के साथ, मंदिर के विभिन्न हिस्सों में LED स्क्रीन पर भी आरती का सीधा प्रसारण किया गया। श्रद्धालुओं की भावनाएं बिहार से आए एक बुजुर्ग श्रद्धालु ने कहा — “20 सालों से ये आरती लाइव देख रहा था, लेकिन आज जीवन सफल हो गया जब साक्षात महाकाल को भस्म में लिपटे देखा।”