नीमच । मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद द्वारा मुख्यमंत्री सामुदायिक नेतृत्व क्षमता विकास पाठ्यक्रम कक्षा आयोजन के अंतर्गत राष्ट्रगीत वंदे मातरम की रचना के 150 वी वर्षगांठ के अवसर पर कार्यक्रम का आयोजन विकासखंड नीमच, जावद एवं मनासा में किया गया जिसके अतर्गत नीमच में जिला समन्वयक वीरेंद्र सिंह ठाकुर और मेंटर्स दीपक नागदा द्वारा उपस्थित छात्रों को राष्ट्रगीत वन्देमारम की स्वतंत्रता आंदोलन में भूमिका पर प्रकाश डालते हुए, स्वतंत्रता आंदोलन की पहचान बने वंदे मातरम जानकारी प्रदान की गई।
इसके उपरांत विद्यार्थियों से संवाद और ब्लॉक जावद में परामर्शदाता बैठक की गई जिसमें कक्षाओं में विद्यार्थियों की उपस्थित और फील्ड वर्क विषयों पर चर्चा हुई। इस दौरान ब्लॉक समन्वयक और परामर्शदाता उपस्थित रहे। विकासखंड मनासा में शासकीय महाविद्यालय मनासा में किया गया। अपने प्रेरणादायक संबोधन में महेन्द्र पाल सिंह भाटी ने कहा कि "वंदे मातरम" केवल एक गीत नहीं, बल्कि यह भारत माता की आराधना और राष्ट्रभक्ति का प्रतीक है। यह गीत हमें एकता, समर्पण और देश के प्रति प्रेम का संदेश देता है। उन्होंने युवाओं से समाज सेवा और राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाने का आह्वान किया। श्री प्रहलाद धनगर परामर्शदाता ने अपने उद्बोधन में कहा कि "वंदे मातरम" गान हम सभी के हृदय में देशभक्ति का जोश जगाता है। मातृभूमि के प्रति समर्पण ही सच्चा राष्ट्र धर्म है। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन युवाओं में राष्ट्रीय चेतना और सामाजिक जिम्मेदारी की भावना को मजबूत बनाते हैं। कार्यक्रम का संचालन परामर्शदाता कुसुम चौहान द्वारा किया गया, इस अवसर पर समस्त परामर्शदाता सहित जन अभियान परिषद से जुड़े समस्त सी.एम.सी. एल.डी.पी. के छात्र एवं छात्राये उपस्थित रहे। कार्यक्रम में उपस्थित विद्यार्थियों और कार्यकर्ताओं ने एक स्वर में "वंदे मातरम" का सामूहिक गान किया, जिससे पूरे परिसर में राष्ट्रभक्ति का वातावरण गूंज उठा।
विकासखण्ड जावद में में मातृभूमि के प्रति हमारी सामूहिक चेतना का प्रतीक राष्ट्रगीत वंदे मातरम की पृष्ठभूमि और प्रभाव पर भी चर्चा की गई। इस अवसर पर जिला समन्वयक वीरेंद्र सिंह ठाकुर एवं विकासखंड समन्वयक श्रीमती अर्चना भट्ट उपस्थित रहे।