मंदसौर। जिले में नशा मुक्ति अभियान को जन आंदोलन का स्वरूप देने के उद्देश्य से सुशासन भवन स्थित सभागृह में नारकोटिक्स एवं अन्य नशीली दवाओं की रोकथाम तथा बेहतर समन्वय के संबंध में बैठक आयोजित की गई।
बैठक की अध्यक्षता कलेक्टर श्रीमती अदिति गर्ग ने की। बैठक में नारकोटिक्स कार्रवाई के दौरान बेहतर तालमेल एवं समन्वय पर विशेष जोर दिया गया। निर्देश दिए गए कि सीबीएन एवं एनसीबी के अधिकारी दबिश से पूर्व स्थानीय पुलिस को सूचित करें, जिससे प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित हो सके। फूड एवं ड्रग विभाग द्वारा थानेवार जागरूकता अभियान चलाने और संयुक्त कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए गए।
कलेक्टर ने कहा कि बॉर्डर क्षेत्रों में थानेवार संयुक्त कार्यवाही की जाए, गोदाम एवं वेयरहाउस की सूची बनाकर नियमित जांच की जाए। अंतरराज्यीय बसों और वाहनों की भी जांच सुनिश्चित की जाए। डी-एडिक्शन सेंटर को व्यवस्थित रूप से संचालित किया जाए तथा सभी विभाग आपस में सूचनाओं का आदान-प्रदान करें। कलेक्टर ने यह भी निर्देश दिए कि तंबाकू मुक्त विद्यालय अभियान के अंतर्गत जिले के सभी विद्यालयों में “तंबाकू मुक्त विद्यालय” का बोर्ड लगाया जाए, जिससे विद्यार्थियों में भी नशा मुक्ति के प्रति जागरूकता बढ़े। बैठक में पुलिस अधीक्षक विनोद कुमार मीना, वनमंडल अधिकारी संजय रायखेरे, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक टी.एस. बघेल सहित संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
कलेक्टर ने नशा मुक्ति अभियान में जनसहभागिता के लिए की अपील कलेक्टर श्रीमती अदिती गर्ग ने जिलेवासियों से अपील करते हुए कहा कि नशा मुक्ति अभियान केवल प्रशासन या पुलिस की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि यह एक सामूहिक सामाजिक जिम्मेदारी है। नशा किसी व्यक्ति के जीवन, परिवार और समाज – तीनों को प्रभावित करता है। इसलिए इससे मुक्ति दिलाने का संकल्प हम सभी को मिलकर लेना होगा। उन्होंने कहा कि “जिले में नशा मुक्ति अभियान निरंतर चल रहा है। इस अभियान को जन आंदोलन का स्वरूप देने की आवश्यकता है। इस अभियान से जिन व्यक्तियों को जुड़ना है वै इससे जुड़े और अपनी सहभागिता प्रदान करें। जो भी व्यक्ति या संस्था इस अभियान से जुड़ना चाहते है, वह आगे आए और नशा मुक्त समाज के निर्माण में अपनी भूमिका निभाए।