पश्चिमी विक्षोभ, चक्रवात और कम दबाव के क्षेत्र के चलते प्रदेश में रुक-रुककर बारिश का सिलसिला बना हुआ है।
48 घंटों में रीवा, शहडोल, ग्वालियर, चंबल और सागर संभाग में कहीं-कहीं भारी बारिश होने की संभावना जताई गई है।आज बुधवार को 18 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। मंगलवार को ग्वालियर, भोपाल, इंदौर समेत 25 से ज्यादा जिलों में बारिश हुई।इस मानसूनी सीजन में मध्यप्रदेश में औसत 18.2 इंच बारिश हुई है। अब तक की औसत बारिश से यह 72% यानी 5.6 इंच ज्यादा है, वैसे 10.6 इंच पानी गिरता है।
निवाड़ी में बारिश का आंकड़ा 103% यानी 31.46 इंच पहुंच गया है। बुधवार को इन जिलों में बारिश का अलर्ट रीवा, मऊगंज, सीधी, सिंगरौली, शहडोल और अनूपपुर में अति भारी बारिश। ग्वालियर, मुरैना, भिंड, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, पन्ना, सतना, उमरिया, डिंडौरी, मंडला, बालाघाट भारी बारिश की चेतावनी । अन्य जिलों में गरज चमक के साथ हल्की से मध्यम बारिश । बुधवार: मध्य प्रदेश मौसम विभाग का ताजा पूर्वानुमान राजस्थान के मध्य में एक अवदाब का बना क्षेत्र आज पश्चिम-उत्तर-पश्चिम दिशा में और उत्तरी झारखंड एवं उससे लगे बिहार पर बने कम दबाव के पूर्वी यूपी की तरफ बढ़ने के आसार हैं। मानसून द्रोणिका बीकानेर, उत्तरी राजस्थान के मध्य भाग में बने अवदाब के क्षेत्र से हमीरपुर, उत्तरी झारखंड और उससे लगे बिहार पर बने गहरे कम दबाव के क्षेत्र से कोंटाई से होते हुए बंगाल की खाड़ी तक बनी हुई है। एक पश्चिमी विक्षोभ ईरान के आसपास द्रोणिका के रूप में बना हुआ है। अलग-अलग स्थानों पर बनी इन मौसम प्रणालियों के प्रभाव से मध्य प्रदेश में दो-तीन दिनों तक भारी बारिश का दौर बने रहने का अनुमान है।