इंदौर। 1 जुलाई को खजराना गणेश मंदिर को स्वच्छता, भक्तों की सुविधाओं और प्रबंधन की उत्कृष्टता के लिए 5 स्टार रेटिंग दी गई। ये सम्मान मंदिर की साफ-सफाई, सुरक्षा, और भक्तों के लिए बेहतर अनुभव के लिए मिला है। इंदौर, जो पहले से ही स्वच्छता की राजधानी के तौर पर मशहूर है, अब इस मंदिर के जरिए धार्मिक पर्यटन में भी नया मुकाम हासिल कर रहा है। आइए जानें कैसे ये मंदिर MP का गौरव बना और इसकी क्या खासियतें हैं। खजराना गणेश मंदिर को ये रेटिंग स्वच्छता, सुरक्षा, और भक्तों की सुविधाओं के आधार पर दी गई है। मंदिर परिसर में साफ-सफाई, पीने का पानी, बैठने की व्यवस्था, और दिव्यांगों के लिए रैंप जैसी सुविधाएं इसे खास बनाती हैं। मंदिर का प्रबंधन डिजिटल दान और पारदर्शी सिस्टम के लिए भी जाना जाता है। छोटे शहरों के भक्तों और पर्यटकों के लिए ये मंदिर एक आदर्श उदाहरण है कि आस्था और आधुनिकता का मेल कैसे हो सकता है। मॉनसून में भी यहां की व्यवस्था बरकरार रहती है, जो इसे और खास बनाता है। खजराना गणेश मंदिर 18वीं सदी से भक्तों का केंद्र रहा है। यहां भगवान गणेश के साथ रिद्धि-सिद्धि और शुभ-लाभ की मूर्तियां भी हैं। मंदिर का स्वर्ण मुकुट, जिसमें ओम, स्वास्तिक और फूलों की नक्काशी है, भक्तों को आकर्षित करता है। हाल ही में पुराने मुकुट में क्रैक होने के बाद 6-7 किलो का नया सोने का मुकुट बनाने की योजना है, जिसके लिए पहले 3-3.5 किलो का सिल्वर मॉडल टेस्ट किया जाएगा। ये मंदिर रोजाना हजारों भक्तों को दर्शन देता है, खासकर गणेश चतुर्थी पर। स्वच्छता संस्कृति का नया प्रतीक बना मंदिर इंदौर पहले से ही भारत की सबसे स्वच्छ सिटी के तौर पर मशहूर है, और अब खजराना मंदिर की 5 स्टार रेटिंग ने इसे धार्मिक स्वच्छता का भी प्रतीक बना दिया। मंदिर में कचरा प्रबंधन, नियमित सफाई और ग्रीन एनर्जी का इस्तेमाल इसे पर्यावरण-फ्रेंडली बनाता है। मॉनसून में गीले कपड़ों और कीचड़ की समस्या को कंट्रोल करने के लिए खास इंतजाम किए गए हैं। ये उपलब्धि छोटे शहरों के अन्य मंदिरों के लिए प्रेरणा है कि वे भी आधुनिक सुविधाओं को अपनाएं। भक्तों और पर्यटकों के लिए नया आकर्षण ये 5 स्टार रेटिंग खजराना मंदिर को धार्मिक पर्यटन का नया हब बनाएगी। मंदिर में डिजिटल दान, ऑनलाइन बुकिंग और भक्तों के लिए हेल्पडेस्क जैसी सुविधाएं इसे और आकर्षक बनाती हैं। स्टूडेंट्स, प्रोफेशनल्स और पर्यटक अब इस मंदिर को अपनी ट्रैवल लिस्ट में शामिल कर सकते हैं। मंदिर का प्रबंधन रिद्धि-सिद्धि और शुभ-लाभ के लिए भी नए मुकुट बना रहा है, जो इसे और भव्य बनाएगा। ये मंदिर इंदौर की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को नई ऊंचाइयों पर ले जा रहा है।