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गांधीनगर में पीएम मोदी बोले, हमने तय कर लिया है कांटे को निकालकर रहेंगे

Neemuch headlines May 27, 2025, 1:59 pm Technology

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गांधीनगर में कहा कि शरीर कितना ही स्वस्थ क्यों न हो, लेकिन अगर एक कांटा चुभता है तो पूरा शरीर परेशान रहता है। इसलिए हमने तय कर लिया है, हम उस कांटे को निकालकर रहेंगे। उन्होंने कहा कि मैं दो दिन से गुजरात में हूं। कल वडोदरा, दाहोद, भुज, अहमदाबाद और आज गांधीनगर में हूं। मैं जहां-जहां गया वहां गर्जना करता सिंदूरिया सागर और लहराता तिरंगा जन-जन के हृदय में मातृभूमि के प्रति अपार प्रेम और देशभक्ति का ज्वार देखने को मिल रहा है। ये दृश्य सिर्फ गुजरात में नहीं है, हिंदुस्तान के कोने-कोने में है, हर हिंदुस्तानी के दिल में है। पीएम मोदी ने कहा कि 1947 में मां भारती के टुकड़े हुए। कटनी चाहिए थी जंजीरें लेकिन काट दी गईं भुजाएं। देश के 3 टुकड़े कर दिए गए और उसी रात पहला आतंकी हमला कश्मीर की धरती पर हुआ।

मां भारती का एक हिस्सा आतंकवादियों के बलबूते पर, मुजाहिदीनों के नाम पर पाकिस्तान ने हड़प लिया। अगर उसी दिन इन मुजाहिदीनों को मौत के घाट उतार दिया गया होता और सरदार पटेल की बात मान ली गई होती, तो 75 साल से चला आ रहा ये सिलसिला देखने को नहीं मिलता। प्रधानमंत्री ने कहा कि 6 मई की रात जो लोग मारे गए, पाकिस्तान में उन जनाजों को स्टेट ऑनर दिया गया। उनके ताबूतों पर पाकिस्तान के झंडे लगाए गए, वहां की सेना ने उनको सैल्यूट किया। ये सिद्ध करता है कि आतंकवादी गतिविधि प्रॉक्सी वॉर नहीं है, ये आपकी (पाकिस्तान) सोची-समझी युद्ध की रणनीति है, आप वॉर ही कर रहे हैं, तो उसका जवाब भी वैसे ही मिलेगा। सिंधु जल संधि पर क्या कहा: उन्होंने कहा कि सिंधु जल संधि भारत के हितों के खिलाफ थी। सिंधु के पानी पर क्या भारत का हक नहीं था।

इसका थोड़ा पानी रोका तो पाकिस्तान बौखला गया। हम तो डैम से अभी कचरा निकाल रहे हैं। दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था : पीएम मोदी ने कहा कि कल 26 मई थी... 2014 में 26 मई को मुझे पहली बार देश के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेने का अवसर मिला। उस समय, भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया में 11वें स्थान पर थी। हमने कोरोना से लड़ाई लड़ी, पड़ोसियों से भी मुसीबतें झेलीं, प्राकृतिक आपदा भी झेली इसके बावजूद इतने कम समय में हम 11वें नंबर की अर्थव्यवस्था से चौथे नंबर की अर्थव्यवस्था बने। क्योंकि हम विकास चाहते हैं, प्रगति चाहते हैं। क्या है लक्ष्य : प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारा लक्ष्य है... 2047 में हिंदुस्तान को विकसित होना ही चाहिए। हम आजादी के 100 साल ऐसे मनाएंगे कि दुनिया में विकसित भारत का झंडा फहरता रहेगा।

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