भोपाल। आज विश्व मलेरिया दिवस है। हर साल 25 अप्रैल को यह दिन इस जानलेवा बीमारी के प्रति जागरूकता बढ़ाने और इसके उन्मूलन के प्रयासों को रेखांकित करने के लिए मनाया जाता है। आज के दिन सीएम मोहन यादव ने लोगों से जागरूक रहने का आह्वान करते हुए कहा है कि हम मलेरिया से बचने के उपाय अपनाएं और दूसरों को भी प्रेरित करें।
मलेरिया सिर्फ स्वास्थ्य से जुड़ी समस्या नहीं है बल्कि ये आर्थिक और सामाजिक विकास को भी प्रभावित करता है। यह बीमारी गरीब और ग्रामीण समुदायों में अधिक फैलती है, जिससे उनकी काम करने की क्षमता, बच्चों की पढ़ाई, और घरेलू आय पर गहरा असर पड़ता है।विश्व बैंक की एक रिपोर्ट के अनुसार, मलेरिया-प्रभावित क्षेत्रों में GDP विकास दर पर भी नकारात्मक प्रभाव देखा गया है, खासकर अफ्रीकी और दक्षिण एशियाई देशों में। विश्व मलेरिया दिवस का इतिहास विश्व मलेरिया दिवस की शुरुआत 2007 में विश्व स्वास्थ्य संगठन की 60वीं विश्व स्वास्थ्य सभा में हुई थी। इससे पहले 2001 से अफ्रीका में मलेरिया दिवस मनाया जाता था..लेकिन इसे वैश्विक स्तर पर बढ़ाने के लिए विश्व मलेरिया दिवस की स्थापना की गई। तब से यह दिन मलेरिया के खिलाफ वैश्विक लड़ाई का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है। उमंग सिंघार का आरोप ‘धार्मिक नगरी में शराबबंदी का आदेश बेअसर’, सरकार से किए ये सवाल मलेरिया कैसे होता है मलेरिया एक खतरनाक बीमारी है जो मच्छर के काटने से होती है। यह एनोफिलीज मच्छरों के काटने से फैलती है। मलेरिया के प्रमुख लक्षणों में बुखार, ठंड लगना, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द और थकान शामिल हैं।
अगर समय पर इलाज न हो तो ये बीमारी जानलेवा भी हो सकती है। मलेरिया से रोकथाम के उपाय मलेरिया से बचाव के उपाय मलेरिया से बचने के लिए के लिए मच्छरदानी का उपयोग करना चाहिए, खासकर रात में सोते समय। अपने घर और आसपास पानी जमा न होने दें, क्योंकि जमें हुए पानी में मच्छर पनपते हैं। मॉस्किटो क्रीम और स्प्रे का इस्तेमाल करें। मच्छरों से बचाव के लिए फुल आस्तीन के कपड़े पहनें। अगर आपको मलेरिया के लक्षण दिखते ही तुरंत जांच कराएं और पूरा इलाज लें।