नई दिल्ली। 18 अप्रैल 2025 को पीएम नरेंद्र मोदी ने टेस्ला और स्पेसएक्स के सीईओ एलन मस्क से फोन पर बातचीत की। दोनों ने भारत और अमेरिका के बीच टेक्नोलॉजी और इनोवेशन में पार्टनरशिप बढ़ाने पर चर्चा की। ये बातचीत फरवरी 2025 में वॉशिंगटन डीसी में हुई उनकी मुलाकात का फॉलो-अप थी। मस्क की कंपनियाँ, खासकर टेस्ला और स्टारलिंक, भारत में अपनी मौजूदगी बढ़ाने की योजना बना रही हैं। पीएम मोदी ने कहा कि भारत इन क्षेत्रों में अमेरिका के साथ पार्टनरशिप को और मज़बूत करेंगे। इस बातचीत का समय भी खास है, क्योंकि ये अमेरिका के उप-राष्ट्रपति जे.डी. वेंस की भारत यात्रा से ठीक पहले हुई। टेस्ला भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाने की बात कर रही है, और स्टारलिंक सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस के लिए रिलायंस जियो और भारती एयरटेल के साथ पार्टनरशिप की संभावना तलाश रही है। दोनों नेताओं ने इनोवेशन और टेक्नोलॉजी में भारत-अमेरिका की दोस्ती को और गहरा करने की बात की। आइए, इस बातचीत की दो खास बातें जानें। टेस्ला और स्टारलिंक का भारत प्लान मस्क की टेस्ला भारत में मैन्युफैक्चरिंग बेस शुरू करने के लिए भारतीय अधिकारियों से बात कर रही है। फरवरी 2025 में मोदी-मस्क की मुलाकात के बाद टेस्ला ने भारत में 13 जॉब ओपनिंग्स पोस्ट की थीं, जो इसके इरादों को दिखाता है। स्टारलिंक भी भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस लाने की तैयारी में है, जिसके लिए जियो और एयरटेल के साथ बात चल रही है। ये दोनों प्रोजेक्ट्स भारत में टेक्नोलॉजी और रोज़गार के नए मौके ला सकते हैं। मस्क ने वॉशिंगटन में मोदी को स्टारशिप का हीटशील्ड टाइल भी गिफ्ट किया था, जो उनकी दोस्ती का प्रतीक है। भारत-अमेरिका टेक पार्टनरशिप मोदी और मस्क की बातचीत भारत-अमेरिका के बीच टेक्नोलॉजी में बढ़ते सहयोग का हिस्सा है। भारत डिजिटल टेक्नोलॉजी, AI और रिन्यूएबल एनर्जी में तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। मस्क की कंपनियाँ इन क्षेत्रों में भारत के लिए बड़ा रोल निभा सकती हैं। ये बातचीत अमेरिका के नए टैरिफ नियमों और ग्लोबल ट्रेड टेंशन्स के बीच हुई, लेकिन मोदी ने साफ किया कि भारत अमेरिकी कंपनियों के साथ पार्टनरशिप को प्राथमिकता देता है। इस कॉल ने दोनों देशों के बीच इनोवेशन और टेक डेवलपमेंट के लिए नई संभावनाएँ खोली हैं।