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देश से 2026 तक नक्‍सलवाद हमेशा के लिए समाप्‍त हो जाएगा- गृहमंत्री श्री अमित शाह

Neemuch headlines April 17, 2025, 5:32 pm Technology

नीमच केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत विकसित राष्ट्र बनने की दिशा में अग्रसर है। उनके मार्गदर्शन में वर्ष 2026 तक देश नक्सलवाद से मुक्त होगा। इस प्रण को पूरा करने में सीआरपीएफ की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। सीआरपीएफ ने जम्मू-कश्मीर में धारा 370 हटने के बाद शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव संपन्न कराए। कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक जहां जरूरत होती है, सीआरपीएफ के जवान सदैव उपलब्ध होते है। जब भी देश का स्वर्णिम इतिहास लिखा जाएगा, उसमें सीआरपीएफ के शहीदों के नाम स्वर्ण अक्षरों से लिखे जाएंगे। केंद्रीय गृह मंत्री श्री शाह गुरुवार को नीमच स्थित सीआरपीएफ के ग्रुप सेंटर में सीआरपीएफ के स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी उपस्थित रहे। केंद्रीय मंत्री श्री शाह ने देश की आंतरिक सुरक्षा में सीआरपीएफ के कर्मियों के अदम्य साहस और समर्पण की सराहना की। उन्होंने सीआरपीएफ बल की आतंकवाद और उग्रवाद विरोधी गतिविधियाँ, शांति स्थापना के कार्यों में निभाई गई भूमिका का उल्लेख करते हुए कहा कि जहां सीआरपीएफ है, वहां चिता करने की कोई बात नहीं"। केंद्रीय मंत्री श्री शाह ने कहा कि आज सीआरपीएफ के 3 लाख जवान देश में कानून-व्यवस्था और शांति स्थापित करने के लिए कार्य कर रहे हैं। देश की संसद पर आतंकी हमले और श्रीराम जन्मभूमि पर हमले जैसी मुश्किल समय में कई बार सीआरपीएफ जवानों ने वीरता का प्रदर्शन करते हुए राष्ट्र की सुरक्षा के लिए बलिदान दिया। केन्द्रीय मंत्री श्री शाह ने केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के शहीद जवानों को नमन करते हुए कहा कि सीमाई क्षेत्रों से लेकर अंदरूनी इलाकों तक देश की सुरक्षा में सीआरपीएफ के योगदान को कोई भुला नहीं सकता। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ‌द्वारा सीआरपीएफ कर्मियों को आयुष्मान कार्ड और आवास योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है। सीआरपीएफ में अब महिला कर्मियों की भर्ती हो रही है। उनके लिये भी आवास सुविधा विकसित की जा रही है। सीआरपीएफ को आधुनिक बनाए रखने के लिये केन्द्र सरकार की ओर से उत्कृष्ट सुविधा प्रदान की जा रही है। सीआरपीएफ को 2708 वीरता पदक प्राप्त हुए हैं, जो विलक्षण हैं। इस अवसर पर मुख्‍यमंत्री डॉ.मोहन यादव, जिले की प्रभारी मंत्री सुश्री निर्मला भूरिया, सीआरपीएफ के महानिदेशक श्री ज्ञानेन्‍द्र प्रताप सिह, क्षेत्र के लोकसभा सांसद श्री सुधीर गुप्‍ता, राज्‍यसभा सांसद श्री बंशीलाल गुर्जरसहित जिले के तीनों विधायकगण व अन्‍य जनप्रतिनिधि उपस्थित थे। इस अवसर पर केंद्रीय रिर्जव पुलिस बल के 86वें स्‍थापना दिवस की परेड़ काआयोजन किया गया। मुख्‍य अतिथि श्री शाह ने भव्‍य परेड़ का निरीक्षण कर, परेड़ की सलामी ली। गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री शाह ने देश की आंतरिक सुरक्षा में सीआरपीएफ के कार्मिकों के अदयम साहस एवं समर्पण की सराहना की। उन्होंने बल की आतंकवाद और उग्रवाद विरोधी अभियानों, शांति स्थापना के कार्यों और अन्य महत्वपूर्ण दायित्वों में निभाई गई भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा, "जहां सी.आर.पी.एफ.है, वहां चिंता की कोई बात नहीं।" गृहमंत्री श्री शाह ने कहा, कि सीआरपीएफ को देश ही नहीं, पूरी दुनिया के सबसे बड़ा अर्द्ध सैनिक बल का गौरव हांसिल है। मुख्‍य अतिथि केंद्रीय गृह मंत्री श्री शाह का स्वागत सी.आर.पी.एफ.के महानिदेशक श्री ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह ने किया और अपने स्‍वागत उदबोधन में उन्‍होने सीआरपीएफ की उपलब्धियों पर विस्‍तार से प्रकाश डाला। प्रारंभ में गृह मंत्री श्री अमित शाह ने ग्रुप सेंटर परिसर स्थित शहीद स्‍मारक स्थल पर माल्यार्पण कर राष्ट्र के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले वीर सपूतों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्री ने परेड की सलामी ली गई, जिसमें सीआरपीएफ की आठ टुकड़ियों ने हिस्सा लिया। मुख्‍य अतिथि श्री शाह ने वीरता पदकों के लिए चयनित जवानों को सम्मानित किया तथा सराहनीय व विशिष्ट सेवा के लिए अन्य कर्मियों को भी पुरस्कृत किया। कार्यक्रम में कोबरा, आरएएफ, वैली क्यूएटी और डॉग स्क्वॉड जैसी विशेष इकाइयों द्वारा प्रभावशाली प्रदर्शन भी प्रस्तुत किया गया। ज्ञातव्‍य हो, कि 86वीं सीआरपीएफ दिवस परेड इस वर्ष 17 अप्रैल को विस्तारित समारोहों के अन्तर्गत आयोजित की गई। सामान्यतः सीआरपीएफ दिवस प्रतिवर्ष 19 मार्च को मनाया जाता है, क्योंकि 1950 में इसी दिन भारत के पहले गृहमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल ने बल को ध्वज प्रदान किया था। इस वर्ष नीमच में आयोजन का विशेष महत्व इसलिए भी है क्योंकि यहीं 27 जुलाई 1939 को ब्रिटिश शासन के दौरान 'क्राउन रिप्रेजेंटेटिव पुलिस' की स्थापना हुई थी। स्वतंत्रता के बाद, 28 दिसंबर 1949 को सरदार पटेल ने इसे “केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल (सीआरपीएफ)” नाम दिया।आज सीआरपीएफ देश की आंतरिक सुरक्षा का मजबूत स्तंभ है—हर चुनौतीपूर्ण मोर्चे पर अग्रिम पंक्ति में डटे रहकर, "सेवा और निष्ठा" के अपने मूलमंत्र को चरितार्थ कर रहा है।

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