कुकड़ेश्वर। भगवान श्रीकृष्ण व गरीब मित्र सुदामा के मिलन के दृष्टांत श्रवण करवाते हुए। जरा नाम के व्याध के द्वारा भगवान श्री कृष्ण के पैर में बाण लगाने से श्रीकृष्ण का परलोक गमन हुआ। व्याध ने भगवान श्री कृष्ण से बाण लगाने के बाद क्षमा याचना की, भगवान श्री कृष्ण ने कहा कि त्रेतायुग में, में राम था व तुम बाली थे, मेने तुम्हारा वध किया था। द्वापर युग मे उसका विपरीत कर्म फल है। कलयुग में सब विचित्र घटनाये घटित होगी। अभी कलयुग का कुछ अंश ही शुरू हुआ है।
आने वाला समय बहुत ही विकराल होने वाला है। महज परमात्मा के स्मरण से जीवन का उद्धार होगा। उक्त बात कथा वाचक पंडित अर्जुन भारद्वाज (टकरावद वाले) के मुखारविंद से चल रही गांव कराड़िया में सात दिवसीय संगीतमय श्रीमद भागवत कथा के सप्तम दिवस व पूर्णाहुति के अवसर पर व्यासपीठ से कही गई। रामपुरा क्षेत्र में विगत सात दिवस से श्रीमद भागवत कथा पंडित अर्जुन भारद्वाज के माध्यम से प्रसारित हो रही थी। जिसमे पूर्णाहुति के दिन सुबह पांच कुंडीय यज्ञ के माध्यम से आहुतियां दी गई। प्रातः 11 बजे से श्रीमद भागवत कथा प्रारम्भ हुई। कथा के दौरान ग्रामवासियो द्वारा व्यासपीठ व पंडित अर्जुन भारद्वाज का सम्मान किया गया। साथ ही सहयोगी संगीत कलाकर व क्षेत्र से पधारे धर्मप्रेमीजन व गांव के वरिष्ठ व बुज़ुर्गजन का साफा बांधकर, पुष्पमाला पहनाकर आयोजक समिति द्वारा सम्मान किया गया। ततपश्चात गांव खड़पालिया में संचालित गौ शाला की गौमाता के लिए दान राशि व गेंहू कराड़िया वासियो द्वारा उपस्थित गौशाला समिति के सदस्यों को व्यासपीठ के माध्यम से भेंट की गई। महाआरती के पश्चात प्रसादी वितरण हुई व पंडित अर्जुन भारद्वाज के विदाई को लेकर गांव कराड़िया में सांय 7 बजे से भव्य रूप से चल समारोह निकाला गया।
जिसमें पूरे गांव वासियो ने डीजे, ढोल व भजनों पर थिरकते हुए विदाई दी।