यूपी और बिहार की मातृ शक्तियों ने उत्साह पूर्वक मनाया छठ पूजा का पर्व

मुकेश राठौर November 8, 2024, 2:02 pm Technology

रामपुरा। तहसील मुख्यालय पर प्रवासी यु पी बिहार की मात्रशक्तियों द्वारा छठ पूजा का आयोजन बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया गया गौरतलब हो कि कार्तिक माह में छठ पूजा का पर्व मनाया जाता है. यह पर्व सूर्य देव को समर्पित होता है. इस पर्व को महिलाएं संतान की खुशहाली और लंबी आयु के लिए रखती हैं.

हिंदू धर्म में जहां सिर्फ उगते हुए सूर्य को ही अर्घ्य देने का विधान है वहीं छठ पूजा के तीसरे दिन डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर पूजा अर्चना की जाती है. छठ पर्व, विशेषकर बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में मनाया जाने वाला एक प्रमुख हिंदू त्योहार है. छठ पूजा का आरंभ कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को नहाय-खाय की परंपरा के साथ हो जाता है. यह पर्व 4 दिनों तक चलता है। दूसरे दिन खरना की रस्म पूरी की जाती है. छठ पूजा के तीसरे दिन यानी कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर छठ पूजा की जाती है. छठ पूजा के चौथे दिन सप्तमी तिथि को उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही छठ पर्व का समापन हो जाता है. . मान्यता है कि ऐसा करने से जीवन में सुख और समृद्धि आती है। छठ पर्व में सूर्य देव और छठी माता की पूजा की जाती है

. सूर्य को जीवनदाता माना जाता है और छठी माता को संतान की देवी. इस पर्व के माध्यम से लोग इन देवताओं से अपने परिवार की खुशहाली और संतान की लंबी उम्र की कामना करते हैं. छठ पर्व के दौरान प्रकृति के विभिन्न तत्वों जैसे जल, सूर्य, चंद्रमा आदि की पूजा की जाती है. छठ का व्रत बहुत कठिन होता है. व्रतधारी 36 घंटे तक बिना पानी पिए रहते हैं. साथ ही छठ पर्व सभी वर्गों और समुदायों के लोगों को एक साथ लाता है. इस पर्व के दौरान लोग मिलकर पूजा करते हैं, भोजन करते हैं और एक-दूसरे के साथ समय बिताते हैं. इससे सामाजिक एकता और भाईचारा बढ़ता है।

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