भोपाल। मध्य प्रदेश के भोपाल में सिस्टम द्वारा देखि गई लापरवाही के चलते उच्च शिक्षा के कमिश्नर निशांत वरवड़े के ड्राइवर की गर्भवती पत्नी सुमन की जान चले गई। जिसके बाद पूरे प्रदेश में इस मामले को लेकर चर्चा हो रही है। वहीं अब इस मामले में स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ल की प्रतिक्रिया सामने आई है। दरअसल इसको लेकर स्वास्थ मंत्री का कहना है की मामले में विभाग ने जांच कमेटी बनाई है जो इस मामले की गहराई से जांच कर रही है। मामले दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी। क्या बोले स्वास्थ मंत्री राजेंद्र शुक्ल? दरअसल उच्च शिक्षा के कमिश्नर निशांत वरवड़े के ड्राइवर की गर्भवती पत्नी सुमन की जान समय पर एम्बुलेंस न मिलने से चले गई।
जिसके बाद अब स्वास्थ विभाग पर भी इसको लेकर सवाल उठते हुए दिखाई दे रहे है। वहीं इस मामले में मीडिया से चर्चा के दौरान स्वास्थ मंत्री राजेंद्र शुक्ल ने कहा की – ‘यह घटना जानकारी में आई है इसकी बहुत गहराई से जांच होगी कौन लोग जिम्मेदार है उसका पता लगाया जाएगा और फिर जो भी कड़ी से कड़ी सजा हो सकती है दी जाएगी।’ क्या था पूरा मामला? दरअसल उच्च शिक्षा के कमिश्नर निशांत वरवड़े के ड्राइवर की गर्भवती पत्नी सुमन को 13 फरवरी को राजधानी के जेपी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर उन्हें हमीदिया अस्पताल रेफर कर दिया गया। लेकिन जेपी अस्पताल से हमीदिया अस्पताल जाने के लिए एंबुलेंस नहीं मिली, और जिस एम्बुलेंस से उन्हें ले जाय गया उसमे ऑक्सीजन की सुविधा नहीं थी। ऐसे में सुमन की तबीयत और ज्यादा बिगड़ गई और हमीदिया में इलाज के दौरान सुमन की मौत हो गई। वहीं मामला हाई प्रोफाइल होने के चलते प्रदेश में चर्चा का विषय बन गया है। दरअसल आमतौर पर हर मैटरनल डेथ का रिव्यू तो होता है, मामला हाई प्रोफाइल होने के कारण एनएचएम की एमडी प्रियंका दास ने जांच कमेटी बनाई है।
हॉस्पिटल द्वारा बनाई जो इस जाँच कमेटी में जेपी के डॉ. कमलेश देवपुजारी, एनएचएम की डॉ. अर्चना मिश्रा, भोपाल संभाग की जॉइंट डायरेक्टर मीरा चौधरी जैसे बड़े डॉक्टर शामिल हैं।