भोपाल। भोपाल एम्स ने सफलता से ड्रोन ट्रायल का परीक्षण पूरा किया है और प्रदेश में इस तकनीक को लाने का निर्णय लिया है। इस पहल के अंतर्गत, भोपाल से 40 किलोमीटर दूर रायसेन के गौहरगंज में पहली बार ड्रोन के माध्यम से दवाई की सफलता पूर्वक सप्लाई की गई है। सुरक्षित तरीके से पहुंचाई दवाई: दरअसल ड्रोन के माध्यम से दवाइयों को पहुँचाने के लिए एक विशेष प्रक्रिया है। दो लोग ड्रोन स्थान पर पहुंचकर उसमें दवाइयों को लोड करते हैं और इसे विभिन्न स्थानों में ड्रोप करते हैं। यह सुरक्षित तरीके से और बिना किसी परेशानी के होता है। ड्रोन ऑपरेटर्स की ट्रैंनिंग: ड्रोन का सही से उपयोग करने के लिए ऑपरेटर्स को विशेष प्रशिक्षण दिया गया है। इन ऑपरेटर्स को दिल्ली से 10 दिनों की ट्रेनिंग के बाद इस काम के लिए तैयार किया गया है। जानकारी के मुताबिक ड्रोन ट्रायल के लिए एक विशिष्ट प्रक्रिया होगी, जिसमें ड्रोन स्थान पर पहुंचकर उसमें दवाइयों को लोड किया जाएगा।
फिर ड्रोन को विभिन्न स्थानों में ड्रॉप करने के लिए उपयोग किया जाएगा। फिर इसे ड्रॉप लोकेशन पर अनलोड किया जाएगा। इस पहल से न केवल दवाइयों को जल्दी पहुँचाया जा सकेगा, बल्कि यह सुनिश्चित करेगा कि लोग सोशल डिस्टेंसिंग भी रख रहे हैं और किसी भी प्रकार की संक्रमण का सामना नहीं करना पड़े। इससे आम जनता को अपनी सुरक्षा की प्राथमिकता मिलेगी और ड्रोन से होने वाली सेवा का बड़ा लाभ मिलेगा।