भोपाल। प्रदेश सरकार ने विधानसभा में एक प्रश्न का उत्तर देते हुए ये माना है कि IAS नेहा मारव्या द्वारा की गई भर्ती में भ्रष्टाचार की जांच रिपोर्ट में तत्कालीन आजीविका मिशन संचालक IFS ललित बेलवाल दोषी थे। पंचायत मंत्री प्रहलाद पटेल ने सवाल का जवाब देते हुए कहा कि तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी को दोषी पाया गया है। ये है मामला बता दें कि आईएएस नेहा मारव्या ने ललित बेलवाल के भर्ती में फर्जीवाड़ा करने के मामले में जांच रिपोर्ट पेश की थी। इस रिपोर्ट में उन्होने बेलवाल के खिलाफ आपराधिक केस दर्ज करने की अनुशंसा की थी। इसके बाद उनका तबादला हुआ था और कहा जा रहा था कि इसी वजह से उनका ट्रांसफर किया गया।
चर्चाएं थी कि नेहा मारव्या पर काफी दबाव था लेकिन फिर भी उन्होने जांच रिपोर्ट में बेलवाल के खिलाफ आपराधिक केस दर्ज करने की अनुशंसा की और यही उनके ट्रांसफर की वजह बनी। बता दें कि ललित बेलवाल पूर्व मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस के काफी करीबी माने जाते थे। सरकार ने माना दोषी इसे लेकर गुरुवार को मध्य प्रदेश विधानसभा सत्र में किए गए सवाल के जवाब में सरकार ने स्वीकारा कि ललित बेलवाल दोषी पाए गए हैं। प्रहलाद पटेल ने जवाब में कहा कि ‘जांचकर्ता अधिकारी के द्वारा जांच प्रतिवेदन में तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी को दोषी पाया गया। जांचकर्ता अधिकारी द्वारा 3 अधिकारियों एवं 1 कर्मचारी को दोषी पाया गया है। अब जबकि सरकार ने भी मान लिया है कि बेलवाल को जांच रिपोर्ट में दोष पाया गया है, तो देखना होगा कि आगे इस मामले पर क्या कार्रवाई की जाती है।