हरदा हादसे की खौफनाक दास्तां, क्या कहते हैं प्रत्यक्षदर्शी?

Neemuch headlines February 7, 2024, 10:25 am Technology

हरदा। बिखरे हुए शव, टूटे फूटे घर और चारों तरफ बिखरा मलबा तथा बदहवास भागते लोग यह मध्यप्रदेश के हरदा शहर में मंगलवार का मंजर था, जहां एक पटाखा कारखाने में विस्फोट और भयानक आग लगने की घटना में 11 लोगों की मौत हो गई तथा 174 अन्य घायल हो गए। हर नागरिक को स्वास्थ्य सुरक्षा की गारंटी आयुष्मान भारत 'निरामयम योजना 3.86 करोड़ हिववादियों के गले आयुष्मान कार्ड प्रदेश के राजधानी भोपाल से लगभग 150 किलोमीटर दूर हरदा शहर के बाहरी इलाके बैरागढ़ में स्थित पटाखा कारखाने में हुए इस धमाके के कारणों का फिलहाल पता नहीं चल सका है। सोशल मीडिया पर प्रसारित वीडियो में देखा जा सकता है कि वहां रुक-रुक कर विस्फोट होते रहे और धमाकों की आवाजें घटनास्थल से कई किलोमीटर दूर तक सुनी गई। वहां धुएं का गुबार चारों तरफ फैल गया था और दमकल कर्मी आग बुझाने में लगे हुए थे। प्रदेश सरकार के मंत्री राव उदय प्रताप सिंह को हरदा ले जा रहे हेलीकॉप्टर से शूट किए गए वीडियो में दिखाया गया कि कारखाना मलबे में तब्दील हो गया है। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, कारखाने में विस्फोट के बाद मौके पर कई शव पड़े हुए हैं, जबकि कई लोग लापता बताए जा रहे हैं। मध्यप्रदेश में विस्फोटों में क्यों नहीं थमता मौतों का सिलसिला? घटना के वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आए, जिसमें इकाई में रुक-रुक कर विस्फोट होते दिख रहे हैं और लोग खुद को बचाने के लिए भाग रहे हैं। विस्फोटों की तीव्रता इतनी अधिक थी कि पीड़ितों के शरीर के अंग घटनास्थल से काफी दूर जा गिरे और कुछ वीडियो में लोगों को मानव अवशेषों जैसी दिखने वाली चीजों को इकट्ठा करते देखा जा सकता है। विस्फोट के दौरान लापता हुए आठ साल के एक लड़के के असहाय पिता राजू ने कहा कि में अब तक अपने बेटे को नहीं ढूंढ पाया हूं। राजू ने कहा कि वह कारखाने में काम करते हैं और उनका बेटा उन्हें खाना देने के लिए वहां आया था। बेटे गणेश ने मुझे दोपहर का खाना दिया। तभी वहां पहला विस्फोट हुआ। वह वहां से भागा, लेकिन मुझे वह अब तक नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि कारखाने में 150 से अधिक लोग काम करते हैं और वह भाग्यशाली हैं कि वे सुरक्षित बच गए। धमाके में घायल हुई कारखाने की एक अन्य कर्मचारी रुखसार बानो ने कहा कि पहले विस्फोट के समय जमीन हिल गई थी। उन्होंने कहा कि जब हमने धमाका सुना तो हम घबराकर भागे और इमारत से बाहर आए। वहां चारों ओर आग लगी हुई थी। बानों ने दावा किया कि इमारत में तीन से चार मंजिल थी और प्रत्येक मंजिल पर अलग-अलग श्रमिकों को नियुक्त किया गया था। मेरी मंजिल पर महिलाएं और बच्चे थे। मेरे सहकर्मी के तीन बच्चे लापता हैं। मैंने कुछ बच्चों और अन्य लोगों को मृत अवस्था में पड़ा देखा। आज भोपाल स्थित हमीदिया अस्पताल पहुंचकर हरदा हादसे में घायल नागरिकों से मिलकर कुशलक्षेम जाना एवं चिकित्सकों को उनके समुचित उपचार के निर्देश दिए। ईश्वर में घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूँ। संकट की इस घड़ी में हमारी सरकार पौड़ितों की मदद के लिए हरसंभव प्रयास कर रही और अधिक दिखाएं प्रत्यक्षदर्शियों ने दावा किया कि विस्फोटों में जो सामग्री टुकड़े-टुकड़े हो गई थी, वह घटनास्थल से गुजर रहे वाहनों पर गिरी और विस्फोटों की आवाज 20 से 25 किलोमीटर दूर तक सुनी गई। कुछ लोगों ने भागते समय भी आग का वीडियो बनाया, जबकि कुछ ने घरों की छतों से घटनास्थल का मंजर देखा। स्थानीय निवासियों ने कहा कि कारखाने के पास स्थित कुछ घर भी क्षतिग्रस्त हो गए। हालांकि यह इलाका धनी आबादी वाला नहीं है लेकिन आसपास 30 से 40 घर हैं। अधिकारियों ने कहा कि उन्हें यह पता लगाने के लिए मलबा हटाने की जरूरत है कि क्या इसके नीचे विस्फोटक सामग्री दबी हुई है। एक स्थानीय निवासी ने कहा कि जब मुझे विस्फोट की जानकारी मिली तो मैं किसी काम से बाजार में था। मेरा घर क्षतिग्रस्त हो गया लेकिन वहां मौजूद सभी चार सदस्य सुरक्षित बच गए। कारखाने के आसपास रहने वाले दीपक कुमार ने शिकायत की कि उनके क्षतिग्रस्त घर से कीमती सामान और गहने गायब हैं। उन्होंने कहा कि विस्फोट के कारण घर क्षतिग्रस्त हो गया। अलमारी से गहने और कीमती सामान गायब हैं।

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