भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में रिटर्निंग या सहायक रिटर्निंग उन्हें ही बनाया जाएगा, जो निर्वाचन आयोग की परीक्षा में उत्तीर्ण होंगे। 15 सितंबर को भोपाल में आयोग के पर्यवेक्षक की उपस्थिति में परीक्षा होगी। इसमें अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, तहसीलदार और नायब तहसीलदार भाग लेंगे। इन्हें चुनाव संचालन से संबंधित विषयों पर प्रशिक्षण भी दिलाया जा चुका है। सबसे महत्वपूर्ण भूमिका रिटर्निंग अधिकारी की - चुनाव में रिटर्निंग और सहायक रिटर्निंग अधिकारी की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण होती है। इन्हें नाम निर्देशन पत्र लेने, शपथ पत्र की जांच, नामांकन पत्रों की जांच, दावे-आपत्ति का निराकरण, नामांकन वापसी, मतदान और मतगणना के समय प्राप्त पुनर्मतदान, पुनर्गणना आदि शिकायत का निराकरण करना होता है। एक हजार से अधिक अधिकारियों को दिया प्रशिक्षण इसके लिए मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय ने एक हजार से अधिक अधिकारियों को चुनाव आयोग के मास्टर ट्रेनरों से प्रशिक्षण दिलवाया है। इसके अलावा अन्य कानूनी प्रविधान और चुनाव संचालन नियम की जानकारी दी गई है। इन सभी विषयों को शामिल करते हुए परीक्षा आयोजित की जा रही है। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन ने बताया कि परीक्षा में चुनाव से संबंधित सभी जानकारियों से जुड़े प्रश्न पूछे जाएंगे।
प्रत्येक विधानसभा में एक रिटर्निंग अधिकारी और तीन सहायक रिटर्निंग अधिकारी पदस्थ किए जाएंगे। 15 सितंबर को निर्वाचन आयोग के पर्यवेक्षकों की उपस्थिति में होगी परीक्षा । प्रत्येक विधानसभा में एक रिटर्निंग और तीन सहायक रिटर्निंग अधिकारी किए जाएंगे 15 सितंबर को भोपाल में चुनाव आयोग के पर्यवेक्षक की उपस्थिति में परीक्षा होगी। इसमें अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, तहसीलदार और नायब तहसीलदार भाग लेंगे। चुनाव में रिटर्निंग और सहायक रिटर्निंग अधिकारी की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण होती है मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन ने बताया कि परीक्षा में चुनाव से संबंधित सभी जानकारियों से जुड़े प्रश्न पूछे जाएंगे।