नीमच। श्रीमती डॉ. रेखा मरकाम, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, नीमच द्वारा खेत में ढोर चराने से मना करने से नाराज होकर फरियादी के साथ लट्ठ से मारपीट कर उसे गंभीर चोट पहुंचाने एवं जान से मारने की धमकी देने वाले पिता भीमसिंह पिता रामजीलाल गुर्जर एवं उसके 2 पुत्रों (1) गब्बरसिंह एवं (2) मिथुन गुर्जर, तीनों निवासी-ग्राम मात्याखेडी, जिला नीमच को भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की विभिन्न धाराओं में दोषसिद्ध पाते हुए धारा 325 में 1-1 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 1000-1000रू अर्थदण्ड से एवं धारा 506 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 में 6-6 माह के सश्रम कारावास व 500-500 रू अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी करने वाले एडीपीओं पारस मित्तल द्वारा घटना की जानकारी देते हुए बताया कि घटना लगभग 5 वर्ष पुरानी होकर दिनांक 15.08.2018 की हैं,
जबकि पूरा देश आजादी को जश्न मना रहा था, उसी दिन जिले के ग्राम मात्याखेडी में सुबह के 11ः30 बजे के लगभग फरियादी मोरसिंह गुर्जर अपने खेत पर फसल देखने गया था, तो वहां उसने देखा की उसके गांव का ही भीमसिंह गुर्जर फरियादी के खेत में ढोर चरा रहा था, इस पर मोरसिंह ने आरोपी भीमसिंह से कहा की मेरे खेत में ढोर क्यों चरा रहे हो, तो इस बात को लेकर भीम सिंह उत्तेजित हो गया और उसने फरियादी से कहा की खेत मेरा हैं और मोरसिंह के साथ विवाद किया व मोरसिंह द्वारा मना करने पर भीमसिंह ने अपने हाथ में लिया लट्ठ मोरसिंह के सिर में मार दिया, जिससे उसके सिर में सामने की ओर चोट लगी व खून निकलने लगा और इसी दौरान आरोपी भीमसिंह के दोनों पुत्र गब्बरसिंह एवं मिथुन भी आ गये, उक्त दोनों भी अपने हाथों में लट्ठ लिये थे और दोनों ने मोरसिंह के साथ मारपीट शुरू कर दी, जिससे मोरसिंह के बाये पैर के घुटने व बांये हाथ की उंगलियों पर चोट आई। फरियादी को मौके पर उपस्थित साक्षियों ने बीच-बचाव कर छुडाया इस पर आरोपीगण जाते-जाते धमकी दे गये की आज तो बच गया हैं आइंदा ढोर चराने से मना किया तो जान से खत्म कर देंगे। फरियादी द्वारा घटना की रिपोर्ट पुलिस थाना जीरन पर की गई।
जहां आरोपीगण के विरूद्ध अपराध क्रमांक 220/2018 पंजीबद्ध कर फरियादी का मेडिकल परीक्षण कराया गया, जिसमें फरियादी के अस्थी भंग पाये जाने पर आरोपीगण के विरूद्ध अनुसंधान कर अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गय प्रकरण के विचारण के दौरान अभियोजन की ओर से न्यायालय में फरियादी सहित सभी आवश्यक गवाहों के बयान कराते हुए अपराध को प्रमाणित कराकर फरियादी के साथ मारपीट कर उसे गंभीर चोट पहुंचाने एवं जान से मारने की धमकी देने का अपराध प्रमाणित पाये जाने पर आरोपीगण को कठोर दण्ड से दण्डित किये जाने का निवेदन किया गया। आरोपीगण द्वारा किये गये अपराध की गंभीरता को देखते हुए अभियोजन अधिकारी से सहमत होते हुए न्यायालय द्वारा आरोपीगण को भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की विभिन्न धाराओं में दोषसिद्ध पाते हुए धारा 325 में 1-1 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 1000-1000 रू अर्थदण्ड से एवं धारा 506 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 में 6-6 माह के सश्रम कारावास व 500-500रू अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।
प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी पारस मित्तल, एडीपीओ द्वारा की गई।