मनासा। श्रीमान सतीश चंद्र मालवीय, प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश, मनासा के द्वारा महिला को परेशान कर आत्महत्या के लिये दुष्प्रेरित किये जाने, जिसके परिणामस्वरूप पीड़ित महिला द्वारा स्वंय पर केरोसीन डाल अत्महत्या करने के अपराध के दोषी 04 आरोपीगण
(01) अब्दुल रशीद पिता सुभान पिंजारा, उम्र-32 वर्ष,
(02) रज्जाक पिता सुभान पिंजारा, उम्र-37 वर्ष,
(03) जुबेदा पति रज्जाक पिंजारा, उम्र-30 वर्ष एवं
(04) शबनम पिता निजाम पिंजारा, उम्र-19 वर्ष, चारो निवासी ग्राम-देवरान, थाना रामपुरा, जिला नीमच को भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 306/34 के अंतर्गत 04-04 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 1000-1,000 रू. अर्थदण्ड से दण्डित किया।
अभियोजन मीडिया सेल प्रभारी रितेश कुमार सोमपुरा द्वारा घटना की जानकारी देते हुए बताया कि घटना लगभग 07 वर्ष पूर्व दिनांक 14.10.2016 की हैं। फरियादी मोहम्मद रफीक जो कि मृतिका रिहाना का भाई हैं, उसके द्वारा पुलिस थाना रामपुरा में सूचना दी गई कि रिहाना का निकाह रशीद से हुवा हैं। रशीद उसकी बहन शबनम व अन्य नातेदार रज्जाक व जुबेदा साथ ही रहते हैं। निकाह के बाद से ही आरोपीगण रिहाना के साथ गालीगलौच कर, मारपीट कर व खाना नहीं देकर मानसिक व शारिरीक रूप से प्रताड़ित करते थे।
आरोपीगण द्वारा लगातार की जा रही इन यातनाओं से तंग आकर रिहाना ने दिनांक 14.10.2016 को स्वयं पर केरोसीन डालकर स्वयं को जला लिया, जिसके परणिमस्वरूप उसकी ईलाज के दौरान दिनांक 02.11.2016 को मृत्यु हो गई। फरियादी द्वारा दी गई सूचना के आधार पर आरोपीगण के विरूद्ध अपराध क्रमांक 262/17 की प्रथम सूचना रिपोर्ट पंजीबद्ध की गई थी।
विवेचना के दौरान आरोपीगण को गिरफ्तार कर आवश्यक साक्ष्य एकत्रित कर विवेचना पूर्ण कर अभियोग पत्र मनासा न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। पी. एस. पाटीदार, अपर लोक अभियोजक द्वारा न्यायालय में विचारण के दौरान फरियादी सहित सभी आवश्यक गवाहों के बयान कराकर अपराध को प्रमाणित कराते हुए आरोपीगण द्वारा किये गये अपराध की गंभीरता को देखते हुए उसे कठोर दण्ड से दण्डित किये जाने का निवेदन किया गया, जिस पर से माननीय न्यायालय द्वारा आरोपीगण को उक्त दण्ड से दण्डित किया गया।
प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी अपर लोक अभियोजक पी. एस. पाटीदार द्वारा की गई।