नीमच। श्रीमान् सुशांत हुद्दार, सत्र न्यायाधीश एवं विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट), नीमच द्वारा 12 वर्षीय पीडिता का अपहरण करके उसके साथ बलात्कार करने वाले आरोपी भूरा उर्फ भूरी पिता प्रेम गोस्वामी, उम्र 20 वर्ष, निवासी-लसहन मण्डी के पास, जिला-नीमच को धारा 363 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 में 1 वर्ष के सश्रम कारावास व 1000रू अर्थदण्ड, धारा 366 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 में 5 वर्ष के सश्रम कारावास व 2000 रू अर्थदण्ड एवं धारा 3/4(2) पॉक्सों एक्ट, 2012 में 20 वर्ष का सश्रम कारावास व 3500रू अर्थदण्ड से दण्डित किया एवं इस अपराध में आरोपी भूरा का सहयोग करके दुष्प्रेरण करने वाले आरोपी कमलेश पिता कोदर मीणा, उम्र-24 वर्ष, निवासी-महाराणा बंगला, कोर्ट के पिछे, जिला नीमच को धारा 366/34 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 में 5 वर्ष के सश्रम कारावास व 2000रू अर्थदण्ड एवं धारा 16/17 पॉक्सों एक्ट, 2012 में 20 वर्ष का सश्रम कारावास व 3000रू अर्थदण्ड से दण्डित किया।
प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी करने वाले विशेष लोक अभियोजक श्री जगदीश चौहान द्वारा घटना की जानकारी देते हुए बताया कि नीमच में रहने वाली 12 वर्षीय पीड़िता के माता-पिता की मृत्यु हो जाने से वह उसकी बहन व जीजा के घर पर रहती हैं। दिनांक 23 फरवरी 2020 को वह शाम के समय शौच करने के लिये गई तो लसहन मण्डी के गेट के पास से आरोपी भूरा उसको जबरन मोटरसायकल पर बैठाकर ले गया। बस स्टैण्ड पर पंहुचकर आरोपी ने उसके दोस्त आरोपी कमलेश को फोन लगाकर बुलाया फिर दोनो पीडिता को कमलेश के कमरे पर ले गये, जहाँ आरोपी भूरा ने पीड़िता के साथ जबरन बलात्कार किया।
अगले दिन दोनो आरोपी पीड़िता को मोटरसायकल पर बैठाकर चित्तोड़गढ़ (राजस्थान) ल गये फिर कमलेश वहां से वापस आ गया किन्तु आरोपी भूरा पीड़िता को दिल्ली ले गया जहां से वह पीड़िता को दिनांक 26 फरवरी 2020 को वापस नीमच लेकर आया, फिर पीड़िता मौका देखकर भागकर उसके जीजा के घर पर आ गई। पीड़िता द्वारा बताई गई घटना के आधार पर उसके जीजा ने घटना की रिपोर्ट पुलिस थाना नीमच केंट पर की।
विवेचना के दौरान आरोपीगण को गिरफ्तार कर व पीडिता का मेडिकल कराकर उसकी उम्र के संबंध में आवश्यक साक्ष्य एकत्रित कर शेष अनुसंधान उपरांत अभियोग पत्र विशेष न्यायालय, नीमच में प्रस्तुत किया। अभियोजन द्वारा माननीय विशेष न्यायालय के समक्ष विचारण के दौरान पीड़िता सहित सभी महत्वपूर्ण साक्षीगण के बयान कराकर अपराध को संदेह से परे प्रमाणित कराते हुए दोनो आरोपीगण को कठोर दण्ड से दण्डित किये जाने का निवेदन किया गया, जिससे सहमत होकर माननीय विशेष न्यायालय द्वारा आरोपीगण को उपरोक्त दण्ड से दण्डित किया गया। न्यायालय में शासन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक श्री जगदीश चौहान द्वारा की गई।