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फर्जी सिमकार्ड बेचने वाले 02 आरोपियों को 10-10 वर्ष का सश्रम कारावास और जुर्माना

Neemuch Headlines December 12, 2022, 3:59 pm Technology

नीमच। श्रीमति सोनल चौरसिया, प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश, नीमच के द्वारा फर्जी दस्तावेज तैयार कर सिमकार्ड बेचने वाले 02 आरोपीगण (1) सत्यनारायण पिता विनोद शर्मा, उम्र-36 वर्ष, निवासी ग्राम सांकरिया, थाना रठाजना, जिला-प्रतापगढ़ (राजस्थान) व (2) गोविंद पिता कैलाश राठौर, उम्र्र-35 वर्ष, निवासी-ग्राम धमोत्तर, जिला प्रतापगढ़ (राजस्थान) को धारा 467 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 में 10-10 वर्ष के सश्रम कारावास व 2000-2000 रू अर्थदण्ड, धारा 420, 468 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 में 04-04 वर्ष के सश्रम कारावास व 1000-1000 रू अर्थदण्ड व धारा 471 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 में 1-1 वर्ष के सश्रम कारावास व 1000-1000रू अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी करने वाले इमरान खॉन, अपर लोक अभियोजक द्वारा घटना की जानकारी देते हुए बताया कि घटना जून 2016 की हैं। फरियादी डॉक्टर रमेश दक के मोबाईल नंबर पर अन्य मोबाईल नंबर से धमकाने वाला एसएमएस दिनांक 22.06.2016 को आया था तथा उसी दिन शाम को उनके हॉॅस्पीटल के टेलीफोन पर भी मौलाना नाम के व्यक्ति का धमकाने वाला फोन आया था। फरियादी द्वारा घटना की रिपोर्ट पुलिस थाना नीमच केंट पर की गई, जिस पर से अपराध क्रमांक 337/16 की प्रथम सूचना रिपोर्ट लेख की गई। विवेचक एस.आई. कैलाश सोलंकी ने विवेचना के दौरान धमकाने वाले मोबाईल नंबर का पता किये जाने पर सिमकार्ड हीरालाल निवासी प्रतापगढ़ की होना पाई गई, जिसके द्वारा बताया गया की उसने कभी इस सिमकार्ड का उपयोग नहीं किया हैं। साईबर सेल से जानकारी प्राप्त करने पर पता चला की सिमकार्ड को ग्राम-धमोतर के एयरटेल कंपनी के रिटेलर गोविंद राठौर द्वारा हीरालाल के दस्तावेजों को छलपूर्वक प्राप्त कर व फर्जी हस्ताक्षर कर सिम एक्टीवेट करके सब-डीलर सत्यनारायण को दी थी, जिसके पश्चात् बाद में सिमकार्ड कमलेश व मौलाना को प्राप्त हुई थी। विवेचना के दौरान आरोपीगण को गिरफ्तार कर शेष आवश्यक अनुसंधान पूर्णकर अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। विचारण के दौरान आरोपी मौलाना व कमलेश के फरार होने से आरोपीगण सत्यनारायण व गोविंद के विरूद्ध विचारण पूर्णकर निर्णय पारित किया गया।

विचारण के दौरान अभियोजन द्वारा न्यायालय में फरियादी, विवेचक एवं साईबर विशेषज्ञ सहित सभी आवश्यक गवाहों के बयान कराकर आरोपीगण द्वारा फर्जी दस्तावेजों की सहायता से फर्जी सिमकार्ड बेचने के अपराध को प्रमाणित कराते हुवे उन्हें कठोर दण्ड से दण्डित किये जाने का निवेदन किया गया। माननीय न्यायालय द्वारा इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के उद्देश्य से आरोपीगण को उपरोक्त दण्ड से दण्डित किया गया।

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