जावद। श्रीमान एन. एम. सिंह मीना, अपर सत्र न्यायाधीश, जावद के द्वारा शादी का वादा कर बहला-फुसलाकर नाबालिक बालिका का अपहरण कर जबरन उसके साथ बलात्कार करने वाले आरोपी जयराज पिता हिरालाल भील, उम्र-21 वर्ष, निवासी-ग्राम कोचवा, थाना कनेरा, जिला चित्तौडगढ़ (राजस्थान) को धारा 3/4 पॉक्सों एक्ट के अंतर्गत 20 वर्ष के सश्रम कारावास, धारा 363 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 में 3 वर्ष का सश्रम कारावास, धारा 366 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 में 3 वर्ष का सश्रम कारावास व कुल 5,000 रू. अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।
प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी करने वाले विषेष लोक अभियोजक श्री जगदीश चौहन द्वारा घटना की जानकारी देते हुए बताया कि घटना लगभग 1 वर्ष पूर्व दिनांक 27.02.2021 थाना जावद क्षैत्र की हैं। पीड़िता जिसकी उम्र 16 वर्ष हैं वह शाम के समय शौच करने के लिये गई, तो बहुत देर के बाद भी वापस नहीं आई व उसका मोबाईल भी बंद आ रहा था।
पीडिता के माता-पिता द्वारा उसकी गॉव व रिश्तेदारी में काफी तलाश की गई, किन्तु उसका कोई पता नहीं चलने से गुमशुदगी की रिपोर्ट पुलिस थाना जावद पर लेख कराई, जिस पर से अपराध क्रमांक 90/2021, धारा 363 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 के अंतर्गत प्रथम सूचना रिपोर्ट पंजीबद्ध की गई। विवेचना के दौरान एस.आई. शशीकला चौहान द्वारा दिनांक 05.03.2021 को ग्राम कोचवा से पीडिता को दस्तयाब किया गया, जिसने पुलिस को बताया कि आरोपी शादी का वादा करके बहला-फुसलाकर मोटरसायकल पर बैठाकर उसको ले गया था, फिर उसने उसके साथ जबरन बलात्कार किया हैं।
पीडिता के बयानों के आधार पर व मेडिकल कराये जाने के बाद प्रकरण में धारा 3/4 पॉक्सों एक्ट व धारा 366 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की वृद्धि की गई। विवेचना के दौरान पीडिता की उम्र के संबंध में व अन्य आवश्यक साक्ष्य को एकत्रित कर विवेचना पूर्ण कर अभियोग-पत्र जावद न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। घटना की गंभीरता को देखते हुवे शासन स्तर पर इसे जघन्य एवं सनसनीखेज प्रकरण के रूप में चिन्हित किया गया। विचारण के दौरान अभियोजन द्वारा न्यायालय में पीडिता व अन्य आवष्यक साक्षीयों के बयान कराये गये व डी.एन.ए. रिपोर्ट भी प्रमाणित कराई गई जो की पोजेटिव थी। इन मौखिक, दस्तावेजी व वैज्ञानिक साक्ष्य के आधार पर आरोपी द्वारा नाबालिग पीडिता का अपहरण कर उसके साथ बलात्कार किये जाने के अपराध को प्रमाणित कराकर उसको कठोर दण्ड से दण्डित किये जाने के निवेदन किया गया, जिससे सहमत होकर माननीय न्यायालय द्वारा आरोपी को उपरोक्त दण्ड से दण्डित किया गया।