एक-दूसरें पर प्राण घातक हमला करने वालें दो आरोपियों का 05-05 वर्ष का सश्रम कारावास

Neemuch Headlines September 20, 2022, 4:43 pm Technology

नीमच। श्रीमान सुशांत हुद्दार, सत्र न्यायाधीश, नीमच के द्वारा मोहल्ले में नहीं आने की बात को लेकर हुवे विवाद के कारण चाकू से एक-दूसरें पर हमला कर प्राण घातक चोंटे पँहुचाने वाले एक पक्ष के आरोपी अर्जुनसिंह पिता कालूसिंह उर्फ कमलसिंह राजपूत, उम्र-29 वर्ष, निवासी-राजपूत मोहल्ला, जीरन जिला नीमच को भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 307 में 5 वर्ष के सश्रम कारावास व 5000रू अर्थदण्ड तथा धारा 323 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 के अंतर्गत 6 माह के सश्रम कारावास व 500 रू. अर्थदण्ड से दण्डित किया और दूसरें पक्ष के आरोपी पुष्कर पिता स्व. कैलाशचन्द्र सोनी, उम्र-28 वर्ष, निवासी-बस स्टैण्ड जीरन, जिला नीमच को भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 307 में 5 वर्ष के सश्रम कारावास व 5000रू अर्थदण्ड तथा धारा 324 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 के अंतर्गत 1 वर्ष के सश्रम कारावास व 500रू. अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी करने वाले लोक अभियोजक चंचल बाहेती द्वारा घटना की जानकारी देते हुए बताया कि घटना लगभग 4 वर्ष पूर्व दिनांक 09.02.2018 की शाम के लगभग 7 बजे थाना जीरन क्षैत्र के अंतर्गत आने वाले प्रतापगढ़ दरवाजा, बालाजी स्टुडीयों के पास, जीरन की हैं। दोनो आरोपीयो के मध्य मोहल्ले में नहीं आने की बात को लेकर पूर्व में विवाद हुवा था, इसी बात को लेकर घटना दिनांक को आरोपी अर्जुनसिंह द्वारा मारपीट कर पुष्कर को चोटे पँहुचाई गई व सुदर्शन जैन पर चाकू से उसके सीने व पेट पर हमला कर प्राणघातक चोटे पँहुचाई गई, इसी प्रकार आरोपी पुष्कर द्वारा चाकू मारपीट कर सचिनसिंह को पीठ पर साधारण चोटे पँहुचाई गई व सूर्यप्रतापसिंह पर चाकू से उसके पेट पर हमला कर प्राणघातक चोटे पँहुचाई गई। घटना स्थल पर बहुव भीड़ एकत्रित हो गई थी व पुलिस भी आ गई थी। इसके पश्चात् आहत सुदर्शन व सूर्यप्रतापसिंह को गंभीर चोटे होने से उन्हें उदयपुर रैफर किया गया, जँहा उनका उपचार हुवा। इसके पश्चात् दोनो पक्षकारों द्वारा बताई गई घटना के आधार पर दोनो आरोपियों के विरूद्ध पुलिस थाना जीरन में प्रथम सूचना रिपोर्ट पंजीबद्ध कर अपराध को विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान आरोपीगणों को गिरफ्तार करके शेष आवश्यक अनुसंधान उपरांत उपरांत अभियोग पत्र माननीय न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। अभियोजन द्वारा न्यायालय में विचारण के दौरान दोनो पक्षों के आहतगण, चश्मदीद, विवेचक सहित सभी आवश्यक गवाहों के बयान कराते हुवे दोनो पक्षों के आरोपीगण द्वारा मारपीट कर प्राणघातक चोटे पँहुचाने के अपराध को संदेह से परे प्रमाणित कराते हुए उन्हें कठोर दण्ड से दण्डित किये जाने का निवेदन किया गया, जिससे सहमत होकर माननीय न्यायालय द्वारा दोनों आरोपीगण को उपरोक्त दण्ड से दण्डित किया गया।

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