5 वर्ष पूर्व घर का ताला तोड़कर किसान के यहाँ की थी अफीम की चोरी अब न्यायालय ने दिया 3-3 वर्ष का सश्रम कारावास

Neemuch Headlines September 17, 2022, 10:10 am Technology

मनासा। श्रीमान न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, मनासा द्वारा फरियादी के घर से 14 किलो 400 ग्राम अफिम की चोरी करने वाले चार आरोपीगण (1) पप्पु पिता देवीलाल भांभी, उम्र-27 वर्ष, (2) कृष्णपालसिंह पिता मनोहरसिंह राजपूत, उम्र-25 वर्ष, (3) भारतसिंह पिता सज्जनसिंह राजपूत, उम्र 24 वर्ष, तीनो निवासी ग्राम आंकली तहसील मनासा जिला नीमच व (4) मुरलीदास पिता तुलसीदास बैरागी, उम्र-34 वर्ष, निवासी-ग्राम तुमडा तहसील मनासा जिला नीमच को भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 454, 380 के अंतर्गत 03-03 वर्ष के सश्रम कारावास व 1000-1000 रू. जुर्माना की राशि से दण्डित किया। योगेश कुमार तिवारी, एडीपीओ द्वारा घटना की जानकारी देते हुए बताया कि घटना लगभग 5 वर्ष पुरानी होकर दिनांक 31.03.2017 दिन के 10ः30 से 1 बजे के मध्य ग्राम आंकली स्थित फरियादी अनील भण्डारी के घर की हैं। फरियादी के नाम पर अफिम का पट्टा हैं, जिस पर उसने अफिम की फसल बोई थी व 14 किलो 400 ग्राम अफिम उसने उसके घर के अंदर गेंहु की कोठी बखारी में दो प्लास्टीक की बाल्टी में भरकर रखी हुई थी।

फरियादी की बड़ी माता का स्वर्गवास हो जाने से वह तथा उसके परिवार के सदस्य शोक निवारण हेतु मनासा गये हुए थे तथा घर की रखवाली देवेन्द्र मेघवाल व भोपालसिंह डाबी के जिम्मे कर गये थे, जिन्होंने फोन करके फरियादी को बताया कि जिस कमरे में अफिम रखी हुई थी, उसका ताला टूटा हुवा हैं तथा दोनो बाल्टियों में अफिम नहीं हैं। फरियादी की रिपोर्ट पर से थाना मनासा में अज्ञात आरोपियों के विरूद्ध अपराध 122/17, धारा 454, 380 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 के अंतर्गत प्रथम सूचना रिपोर्ट पंजीबद्ध की गई। विवेचना के दौरान निरीक्षक गिरीवरसिंह द्वारा थाना मनासा के अपराध क्रमांक 131/17, धारा 8/15 एन.डी.पी.एस. एक्ट के आरोपी पप्पूसिंह से जप्तषूदा अफिम के बारे में पुछताछ करने पर उसने फरियादी के घर से अफिम को अन्य आरोपीयों के साथ मिलकर चोरी किया जाना स्वीकार किया। जिस आधार पर अन्य तीन आरोपीयों को भी गिरफ्तार किया जाकर उनके विरूद्ध भी आवश्यक साक्ष्य को एकत्रित कर विवेचना पूर्ण कर अभियोग पत्र मनासा न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। घटना अफिम की चोरी की होने से उसकी गंभीरता को देखते हुवे इसे जघन्य एवं सनसनीखेज प्रकरण के रूप में चिन्हित किया गया। योगेश कुमार तिवारी, एडीपीओ द्वारा माननीय न्यायालय के समक्ष विचारण के दौरान फरियादी, पंचसाक्षी, विवेचक व अन्य साईबर व वैज्ञानिक साक्ष्य के आधार पर सभी महत्वपूर्ण गवाहों के बयान करवा कर आरोपीगण द्वारा फरियादी के घर से अफिम की चोरी किये जाने के अपराध को संदेह से परे प्रमाणित कराते हुए आरोपीगण को कठोर दण्ड से दण्डित किए जाने का निवेदन किया गया। माननीय न्यायालय द्वारा आरोपीगण भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 454, 380 के अंतर्गत 03-03 वर्ष के सश्रम कारावास व 1000-1000 रू. जुर्माना की राशि से दण्डित किया। न्यायालय में शासन की ओर से पैरवी योगेश कुमार तिवारी, एडीपीओ द्वारा की गई तथा सहयोग अरविन्द सिंह थापक, एडीपीओ द्वारा किया गया।

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