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ट्रैलर में 96 क्विंटल डोडाचूरा की तस्करी करने वाले आरोपी को 11 वर्ष का सश्रम कारावास।

Neemuch Headlines September 8, 2022, 12:54 pm Technology

जावद। अनुज कुमार मित्तल, विशेष न्यायाधीश (एनडीपीएस एक्ट, 1985) जावद के द्वारा ट्रैलर में 96 क्विंटल 75 किलोग्राम अवैध मादक पदार्थ डोडाचूरा की तस्करी करने वाले आरोपी पप्पाराम उर्फ पप्पू पिता मंगलाराम विश्नोई, आयु-49 वर्ष, निवासी-ग्राम खोखरिया ढाणी, थाना पिपाड़, जिला जोधपुर (राजस्थान) को एन.डी.पी.एस. एक्ट, 1985 की धारा 8/15(सी) के अंतर्गत 11 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 1,50,000रू. जुर्माने से दण्डित किया।

अरविन्द शर्मा, अपर लोक अभियोजक द्वारा घटना की जानकारी देते हुए बताया कि घटना लगभग 9 वर्ष पूर्व दिनांक 18.07.2013 की होकर सुबह के लगभग 7 बजे नयागॉव टोल बैरियर के पास की हैं। नारकोटिक्स सेल प्रकोष्ठ, नीमच में पदस्थ एस. आई. दशरथसिंह चौहान को मुखबीर सूचना प्राप्त हुई कि पप्पाराम नाम का व्यक्ति नयागॉव टोल बैरियर के पास निर्माणाधिन आर.टी.ओ. भवन के बाये तरफ वाले रोड़ पर ट्रैलर में अवैध मादक पदार्थ डोडाचूरा किसी को दिये जाने के लिये खड़ा हुवा हैं। मुखबिर सूचना के आधार पर फोर्स सहित मुखबिर द्वारा बताये गये स्थान पर जाकर देखने पर वहां ट्रैलर खड़ा हुवा दिखाई दिया, जिसमें आरोपी पप्पाराम ड्राईवर सीट पर बैठा हुवा था।

ट्रैलर को खोलकर उसकी तलाशी लिये जाने पर उसमें 21 किलो 500 ग्राम वजन के 450 बोरो में कुल 96 क्विंटल 75 किलोग्राम अवैध मादक पदार्थ डोडाचूरा रखा हुआ था। मौके से आरोपी को गिरफ्तार कर व डोडाचूरा सहित ट्रैलर को जप्तकर उनके विरूद्ध नॉरकोटिक्स सेल, इन्दौर में असल अपराध क्रमांक 09/2013, धारा 8/15(सी) एन.डी.पी.एस. एक्ट 1985 के अंतर्गत प्रथम सूचना रिपोर्ट पंजीबद्ध की गई।

इसके पश्चात् शेष आवश्यक विवेचना उपरांत अभियोग पत्र विशेष न्यायालय, जावद में प्रस्तुत किया गया। अभियोजन द्वारा न्यायालय में विचारण के दौरान विवेचक, जप्ती अधिकारी, फोर्स के सदस्यों सहित सभी आवश्यक गवाहों के बयान कराते हुवे आरोपी द्वारा अवैध मादक पदार्थ डोडाचूरा की तस्करी किये जाने के अपराध को प्रमाणित कराते हुए उन्हें कठोर दण्ड से दण्डित किये जाने का निवेदन किया गया।

माननीय न्यायालय द्वारा वर्तमान समय में विशेषकर युवाओं में फैल रही नशे की प्रवृत्ति को देखते हुवे आरोपी को एन.डी.पी.एस. एक्ट, 1985 की धारा 8/15(सी) के अंतर्गत 11 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 1,50,000रू. जुर्माने से दण्डित किया गया। न्यायालय में शासन की ओर से पैरवी अरविन्द शर्मा, अपर लोक अभियोजक द्वारा की गई।

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