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बिना लाईसेंस व बीमा के लापरवाहीपूर्वक मोटरसायकल चलाकर टक्कर मारने वाले आरोपी को 03 माह का कारावास

Neemuch Headlines July 1, 2022, 1:48 pm Technology

मनासा। सुश्री शिवांगी सिंह परिहार, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, मनासा द्वारा बिना बीमा व लाईसेंस के तेजगती व लापरवाहीपूर्वक मोटरसायकल चालाते हुवे दूसरी मोटरसायकल टक्कर मारकर एक व्यक्ति को गंभीर चोट पहुँचाने वाले आरोपी रामसिंह पिता मोहनलाल रावत, आयु 40 वर्ष, निवासी-ग्राम गुजरत, पुलिस थाना कुकडेश्वर, तहसील मनासा जिला नीमच को भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 338 व मोटर यान अधिनियम, 1988 की धारा 146/196, 3/181 के अंतर्गत दोषी पाते हुए 03 माह के कठोर कारावास एवं कुल 2000रू. जुर्माने से दण्डित किया।

विवेक कुमार गोयल, एडीपीओ द्वारा घटना की जानकारी देते हुए बताया कि घटना घटना 9 वर्ष पूर्व की होकर दिनांक 17.12.2013 को शाम के लगभग 7 बजे कुकड़ेश्वर थाना क्षैत्र के अंतर्गत आने वाले ग्राम फुलपुरा स्थित शनी मंदिर के सामने की हैं। फरियादीया अमृताबाई का पति मोटरसायकल से सामान लेकर आ रहा था कि आरोपी द्वारा तेजगती व लापरवापूर्वक मोटरसायकल चलाते हुवे आहत कि मोटरसायकल टक्कर मार दी, जिससे वह नीचे गिर गया था।

आहत की पत्नी द्वारा घटना की रिपोर्ट पुलिस थाना कुकड़ेश्वर पर की गई, जिस पर से अपराध क्रमांक 219/2013, धारा 279, 337 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 के अंतर्गत प्रथम सूचना रिपोर्ट पंजीबद्ध की गई। विवेचना के दौरान आहत की मेडिकल रिपोर्ट में आहत के पैर में फ्रैक्चर होने धारा 338 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 व आरोपी के पास ड्राईवींग लाईसेंस नही होने व मोटरसायकल का वैद्य बीमा नहीं होने से धारा 146/196, 3/181 मोटर यान अधिनियम, 1988 का ईजाफा करते हुवे शेष आवश्यक विवेचना पूर्ण अभियोग पत्र मनासा न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।

विचारण के दौरान अभियोजन की ओर से न्यायालय में आहत, फरियादी व चश्मदीद साक्षीगण सहित सभी आवश्यक गवाहों के बयान कराकर अपराध को प्रमाणित कराते हुए आरोपी को कठोर दण्ड से दण्डित किये जाने का निवेदन किया गया। माननीय न्यायालय द्वारा वर्तमान में बढते हुए वाहन दुर्घटनाओं के मामलों को देखते हुए आरोपी को भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 338 के अंतर्गत 03 माह के कठोर कारावास एवं 500रू. जुर्माने व मोटर यान अधिनियम, 1988 की धारा 146/196, 3/181 के अंतर्गत 500-500 रू. जुर्माने जुर्माने से दण्डित किया तथा जुर्माने के राशि में से 1000रू. प्रतिकर आहत को प्रदान करने का आदेश भी दिया गया। न्यायालय में शासन की ओर से पैरवी विवेक कुमार गोयल, एडीपीओ द्वारा की गई।

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