नीमच। श्रीमती सोनल चौरसिया, प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश, नीमच द्वारा गाय के साथ अप्रकृतिक संभोग करने वाले आरोपी नागेन्द्र पिता भरतलाल पाराशर, उम्र-42 वर्ष, निवासी-ग्राम गरनाई, थाना नाहरगढ, तहसील मल्हारगढ, जिला मन्दसौर को धारा 377 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 के अंतर्गत दोषी पाते हुए 10 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 10,000रू. जुर्माने से दण्डित किया।
चंचल बाहेती, लोक अभियोजक, द्वारा घटना की जानकारी देते हुए बताया कि घटना लगभग 10 माह पूर्व दिनांक 25.09.2021 की रात्री के 11 बजे मूलचंद मार्ग स्थित फरियादी इमरान के घर के बहार की हैं। घटना दिनांक को फरियादी की गाय उसके घर के बहार थी तथा पास ही में प्रवीण मित्तल व भूरा कुरैशी बातचीत कर रहे थे, तो उन्होंने देखा कि एक व्यक्ति फरियादी की गाय की साथ प्रकृति की व्यवस्था के विरूद्ध इन्द्रीय संभोग कर रहा था।
प्रवीण मित्तल द्वारा इस घटना का विडियों बना लिया गया तथा वह, भूरा कुरैशी व इमरान तीनों आरोपी को पकड़कर उसे पुलिस थाना नीमच केंट लेकर गये, जहाँ आरोपी के विरूद्ध अपराध क्रमांक 476/2021, धारा 377 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 के अंतर्गत प्रथम सूचना रिपोर्ट पंजीबद्ध की गई। पुलिस नीमच केंट के एसआई कैलाश किराड़े ने अनुसंधान के दौरान आवश्यक वैज्ञानिक व अन्य साक्ष्य को एकत्रित करके अनुसंधान पूर्ण कर अभियोग पत्र नीमच न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।
अभियोजन द्वारा माननीय न्यायालय के समक्ष विचारण के दौरान फरियादी एवं घटना के चश्मदीद साक्षीगण के बयान कराते हुवे आरोपी द्वारा गाय के साथ अप्रकृतिक कृत्य किये जाने के अपराध को संदेह से परे प्रमाणित कराते हुव आरोपी को कठोर दण्ड से दण्डित किये जाने का निवेदन किया गया।
माननीय न्यायालय ने आरोपी द्वारा किया गये कृत्य को समाज विरोधी मानते हुए उसे दया का पात्र नहीं माना तथा उसे धारा 377 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 के अंतर्गत 10 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 10,000 रूपये जुर्माने से दण्डित किया गया तथा अपील अवधि के पश्चात् जुर्माने की राशि 10,000 रूपये को फरियादी को प्रतिकर के रूप में प्रदान किये जाने का आदेश पारित भी किया।
न्यायालय में शासन की ओर से पैरवी चंचल बाहेती, लोक अभियोजक द्वारा की गई।