नीमच। श्रीमती सोनल चौरसिया, विशेष न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम), जिला-नीमच द्वारा अनुदान व ऋण दिलाने के एवज में फरियादी से 10,000रूपये रिश्वत लेने वाले आरोपी तत्कालीन सहायक संचालक/जिला ग्रामोद्योग अधिकारी एवं स्थापना प्रभारी, कार्यालय जिला पंचायत, नीमच सलामुद्दीन पिता करीमुद्दीन अंसारी, उम्र-64 वर्ष, निवासी 13 नूर कॉलोनी नई आबादी, जिला मंदसौर को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 7 एवं 13(1)(डी), 13(2) के अंतर्गत 4-4 वर्ष के सश्रम कारावास एवं कुल 20,000 रू जुर्माने से दण्डित किया।
विवेक सोमानी, विशेष लोक अभियोजक द्वारा घटना की जानकारी देते हुए बताया कि फरियादी राहुल सोनी, निवासी इंदौर द्वारा दिनांक 18.11.2015 को विशेष पुलिस स्थापना, लोकायुक्त कार्यालय, उज्जैन में उपस्थित होकर आरोपी के विरूद्ध एक शिकायती आवेदन प्रस्तुत किया गया, जिसके अनुसार उसके पिता गणपत सोनी ठेवाकला के कलाकार हैं तथा ठेवाकला इकाई के लिये मशीनरी खरीदने के लिए अनुदान राशि हेतु उनके द्वारा दिनांक 01.11.2015 को आरोपी तत्कालीन जिला ग्रामोद्योग अधिकारी आवेदन दिया था तथा उसके द्वारा भी आरोपी को मुख्यमंत्री रोजगार योजना के अंतर्गत ठेवाशिल्प विकास के लिए ऋण हेतु आवेदन दिया था, जिन दोनों कार्य करने के एवज में आरोपी द्वारा फरियादी से 10,000 रूपये की रिश्वत की मांग की गई थी।
फरियादी के आवेदन पर से पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त कार्यालय उज्जैन द्वारा निरीक्षक बसंत श्रीवास्तव को कार्यवाही किये जाने हेतु निर्देशित किया गया। दिनांक 18.11.2015 को ही फरियादी के आवेदन की सत्यता जानने के लिए उसे वाईस रिकॉडर के साथ आरोपी के पास भेजा, जहॉं आरोपी से मोबाईल पर बात करने पर उसने फरियादी को जावरा के पास बड़ावदा बुलाया जहां पर आरोपी द्वारा फरियादी से ऋण व अनुदान राशि स्वीकृती हेतु 10,000 रूपये रिश्वत की मांग को रिकॉर्ड किया गया तथा आरोपी द्वारा फरियादी को 10,000 रूपये लेकर दिनांक 20.11.2015 को नीमच बुलाया गया। इसके पश्चात फरियादी के आवेदन की पुष्टि होने पर आरोपी के विरूद्ध अपराध क्रमांक 553/15 पंजीबद्ध कर निरीक्षक बसंत श्रीवास्तव द्वारा ट्रेप दल का गठन कर दिनांक 20.11.2015 को दिन के लगभग 2 बजे नीमच पहुंच कर फरियादी को समझाईश देकर फरियादी के पास रवाना किया गया।
फरियादी जिला पंचायत कार्यालय नीमच में पहुंचा तथा उसने 1000-1000 रूपये के 10 नोट कुल 10,000 रूपये आरोपी को दिए व कार्यालय से बाहर आकर बांया हाथ सिर घुमाते हुए ट्रेप दल को इशारा किया, इसके बाद ट्रेपदल द्वारा आरोपी को पकड़कर उसके शर्ट कि जेब से 10,000 रूपये जप्त किए तथा आरोपी के हाथ धुलाने पर घोल का रंग गुलाबी हो गया था। निरीक्षक बसंत श्रीवास्तव द्वारा मौके की समस्त कार्यवाही कर वापस लोकायुक्त कार्यालय उज्जैन आ गए। इसके पश्चात लोकायुक्त पुलिस द्वारा शेष आवश्यक अनुसंधान पूर्ण कर अभियेग पत्र विशेष न्यायालय (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) नीमच में प्रस्तुत किया गया। विवेक सोमानी, विशेष लोक अभियेजक द्वारा माननीय न्यायालय के समक्ष विचारण के दौरान फरियादी, ट्रेपदल के सदस्य, पंचसाक्षी व विवेचक सहीत सभी महत्वपूर्ण गवाहों के बयान करवा कर आरोपी द्वारा 10,000 रूपये रिश्वत लिये जाने के अपराध को संदेह से परे प्रमाणित कराते हुए आरोपी को कठोर दण्ड से दण्डित किए जाने का निवेदन किया गया। माननीय न्यायालय द्वारा आरोपी को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 7 एवं 13(1)(डी), 13(2) के अंतर्गत 4-4 वर्ष के सश्रम कारावास एवं कुल 20,000रू जुर्माने से दण्डित किया।
न्यायालय में शासन की ओर से पैरवी विवेक सोमानी, विशेष लोक अभियोजक द्वारा की गई।