मनासा। सुश्री शिवांगी सिंह परिहार, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, मनासा द्वारा खेत के सीमांकन को लेकर हुवे विवाद के कारण लट्ठ व अन्य आयुधों से मारपीट कर गंभीर चोट पहुँचाने वाले 8 आरोपीगण (1) बाबुलाल पिता बगदीराम माली, आयु-65 वर्ष, (2) कैलाश पिता बगदीराम माली, आयु-51 वर्ष, (3) विष्णु पिता सुंदरलाल उर्फ सुरजमल माली, आयु-30 वर्ष, (4) उदयराम पिता चुन्नीलाल माली, आयु-53 वर्ष, (5) सुन्दरलाल पिता बगदीराम माली, आयु-60 वर्ष, (6) सुरजमल पिता चुन्नीलाल माली, आयु-50 वर्ष, (7) रामलाल पिता बगदीराम माली, आयु-50 वर्ष तथा (8) गोविंद पिता उदयराम माली, आयु-34 वर्ष, सभी निवासीगण ग्राम-अहिल्यापुरा, तहसील-मनासा, जिला-नीमच को भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 148/149, 323/149, 325/149 के अंतर्गत 06-06 माह के कारावास व 1000-1000रू. जुर्माने से दण्डित किया। विवेक कुमार गोयल, एडीपीओ द्वारा घटना की जानकारी देते हुुए बताया कि घटना 10 वर्ष पूर्व की होकर दिनांक 05.11.2012 को शाम के लगभग 6 बजे की ग्राम-परोत पिपल्या स्थित फरियादी रामनारायण के खेत की की हैं। घटना दिनांक को फरियादी रामनारायण तथा उसके दोनो पुत्र राधेश्याम व बापुलाल उसके खेत की जमीन का सीमांकन गिरदावर दिनेश मेहता व पटवारी उदयराम के करवा रहे थे कि इतने में आरोपीगण लट्ठ व अन्य आयुध लेकर आये व कहने लगे कि सीमांकन नहीं होने देंगे और इसी बात को लेकर आरोपीगण द्वारा फरियादी व उसके दोनो पुत्रों के साथ मारपीट की गई, फिर चिल्लाचोट की आवाज सुनकर आसपास के लोगो ने बीच-बचाव किया। मारपीट के कारण फरियादी के दोनो पुत्रों के पैर गंभीर चोट आकर फ्रैक्चर हो गया था। फरियादी ने घटना की रिपोर्ट पुलिस थाना मनासा में कि जिस पर से आरोपीगण के विरूद्ध अपराध क्रमांक 327/2012, धारा 148/149, 323/149, 325/149 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 के अंतर्गत प्रथम सूचना रिपोर्ट पंजीबद्ध की गई। पुलिस मनासा द्वारा विवेचना के दौरान आरोपीगण को गिरफ्तार कर, शेष आवश्यक अनुसंधान पूर्ण कर अभियोग-पत्र मनासा न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। विचारण के दौरान अभियोजन की ओर से न्यायालय में फरियादी, आहतगण व चश्मदीद साक्षीगण सहित सभी आवश्यक गवाहों के बयान कराकर आरोपीगण द्वारा लट्ठ व अन्य आयुधों से आहतगण के साथ मारपीट कर उनको गंभीर चोट पँहुचाये जाने के अपराध को संदेह से परे प्रमाणित कराते हुए आरोपीगण को कठोर दण्ड से दण्डित किये जाने का निवेदन किया गया। माननीय न्यायालय द्वारा आरोपीगण को भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 148/149 में 6-6 माह का कारावास, धारा 323/149 में 3-3 माह का कारावास व धारा 325/149 में 6-6 माह का कारावास व 1000-1000रू जुर्माने से दण्डित करते हुए सभी सजायें एक साथ भुगताये जाने का आदेश किया। न्यायालय में शासन की ओर से पैरवी विवेक कुमार गोयल, एडीपीओ द्वारा की गई।