नीमच। हमेशा से सुर्खियों में रहे नीमच के डॉक्टर बी एल रावत जो कि महिलाओं के मामले में हमेशा सुर्ख़ियो में रहे है। कई बार उनके खिलाफ जिले के विभिन्न जगहों पर आवेदन दिए गए परंतु डॉ रावत लगातार इन सब चीजों से बचते चले आये है।
वर्ष 2011 में एक महिला के साथ छेड़खानी करना उन्हें भारी पड़ गया महिला ने इस मामले में हिम्मत दिखाते हुए तुरंत 2011 में शिकायत दर्ज की थी। परंतु पीड़िता की शिकायत पर किसी ने भी मामले को गंभीरता से लेकर संज्ञान में नहीं लिया। न्याय के लिए लगातार भटकती महिला को आखिर न्यायालय की शरण लेनी पड़ी और 2011 का मामला अब 11 साल बाद माननीय न्यायालय ने संज्ञान में लेते हुए तुरंत डॉक्टर रावत और उनका सहयोग करने वाली महिला नर्स पर भारतीय दंड संहिता 354, 354 बी एवं 120 बी के अंतर्गत प्रकरण पंजीबद्ध कर लिया।
बताया जा रहा है कि यह धाराएं गैर जमानती है इसमें डॉ रावत को या तो सरेंडर करना होगा या फिर अग्रिम जमानत के लिए प्रयास करने पड़ेंगे। पीड़िता ने नीमच हेडलाइंस को यह भी बताया कि डॉक्टर बी एल रावत कई महिलाओं के साथ इस प्रकार की हरकते करता रहता था। अगर कोई उसके खिलाफ आवाज उठाता तो वह उसे नौकरी से निकालने की धमकी देता था, पीड़ित महिला के साथ भी उसने इसी प्रकार का व्यवहार किया। अन्य महिलाये लाज शर्म और सामाजिक रूप शमिन्दगी के चलते सामने आकर शिकायत नहीं कर पा रही थी। जिसका फायदा डॉ रावत उठा रहे थे। परंतु पिडीता ने हिम्मत दिखाई और अब 11 वर्षो बाद डॉ रावत पर न्यायालय में पकरण दर्ज हुआ। जल्द ही डॉक्टर बी एल रावत की गिरफ्तारी भी हो सकती है। आखिर इतने वर्षो के संघर्ष के बाद पीड़ित महिला को न्याय की आस लगी और उन्होंने माननीय न्यायालय का आभार व्यक्त किया।