नीमच। सुश्री संध्या मरावी, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, नीमच द्वारा रात्री को ऑफिस का ताला तोड़कर लेपटाॅप, कम्प्यूटर, मोबाईल आदि सम्पत्ति की चोरी करने वाले तीन आरोपीगण (1) मुनेश पिता जगदीशसिंह राजपूत, उम्र-40 वर्ष, निवासी-ग्राम नेवड़, जिला नीमच, (2) गोटू उर्फ मिथलेश पिता विरेन्द्र कुमार जैन, उम्र-37 वर्ष, निवासी-घंटाघर के पास, शिवगंज गोपाल गली, जिला नीमच तथा (3) हेमंत उर्फ महेन्द्र पिता विरेन्द्र कुमार भण्डारी, उम्र-31 वर्ष, निवासी-घण्टाघर गली, तहसील व जिला-नीमच को भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 457, 380 के अंतर्गत 03-03 वर्ष के कठोर कारावास व कुल 1000-1000 रू. जुर्माने से दण्डित किया।
रितेश कुमार सोमपुरा, एडीपीओ द्वारा घटना की जानकारी देते हुुए बताया कि घटना 07 वर्ष पूर्व की होकर दिनांक 16.03.2015 को मध्यरात्री की राठौर परिसर नीमच स्थित फरियादी के आफिस की हैं। फरियादी अमीत राठौर रेग्लोरेक्स फैक्ट्री का मालिक हैं व उसका ऑफिस राठौर परिसर नीमच में हैं।
घटना दिनांक को वह रात्री के लगभग 9 बजे आफिस में ताला लगाकर घर चला गया, फिर अगले दिन सुबह जब वह ऑफिस पँहुचा तो उसने देखा कि ऑफिस के दरवाजे का ताला टुटा हुवा हैं तथा ऑफिस के अन्दर का सामान अस्त-व्यस्त बिखरा हुवा पडा था तथा उसमें से लेपटाॅप, कम्प्यूटर, तीन मोबाईल, नगद लगभग 10000 रूपये व अन्य सम्पत्ति की चोरी हो गई थी।
फरियादी द्वारा चोरी की रिपोर्ट पुलिस थाना नीमच केंट में की गई, जिस पर से अपराध क्रमांक 139/2015, धारा 457, 380 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 के अंतर्गत प्रथम सूचना रिपोर्ट पंजीबद्ध की गई। प्रकरण की विवेचना एस.आई. के. के. वसुनीया द्वारा की गई, जिनके द्वारा मुखबीर सूचना के आधार पर संदेही तीनो आरोपीगण को गिरफ्तार किया गया तथा उनके पुछताछ करने पर उनके द्वारा बताये गये स्थानों से फरियादी की चोरी हुई सम्पत्ति को जप्त करते हुए शेष आवश्यक अनुसंधान पूर्ण कर अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया।
विचारण के दौरान अभियोजन की ओर से न्यायालय में फरियादी व विवेचक सहित सभी आवश्यक गवाहों के बयान कराकर आरोपीगण द्वारा रात्री के समय फरियादी के ऑफिस का ताला तोडकर चोरी किये जाने के अपराध को संदेह से परे प्रमाणित कराकर उन्हें कठोर दण्ड से दण्डित किये जाने का निवेदन किया गया।
माननीय न्यायालय द्वारा तीनों आरोपीगण को भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 457 के अंतर्गत 03-03 वर्ष के कठोर कारावास व 500-500 रू. जुर्माना तथा धारा 380 में 03-03 वर्ष के कठोर कारावास व 500-500 रू. जुर्माने से दण्डित करते हुए दोनो सजायें एक साथ भुगताये जाने का आदेश किया। न्यायालय में शासन की ओर से पैरवी रितेश कुमार सोमपुरा, एडीपीओ द्वारा की गई।