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तीन लुटेरों को 05-05 वर्ष का कारावास और जुर्माना

NEEMUCH Headlines May 2, 2022, 2:24 pm Technology

जावद। श्रीमान अनुज कुमार मित्तल, अपर सत्र न्यायाधीश, जावद के द्वारा रात्री घर में घुसकर सोने-चाँदी के जेवर व नगदी की लुट करने वाले तीन आरोपीगण (1) रमेश पिता भंवरलाल बांछड़ा, उम्र-51 वर्ष, (2) प्रदीप पिता गेंदालाल बांछड़ा, उम्र-33 वर्ष व (3) बगदीराम पिता मांगीलाल बांछड़ा, उम्र-44 वर्ष, तीनो निवासीगण-ग्राम पिपल्या रूण्डी, थाना मनासा जिला नीमच को भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 394, 450 के अंतर्गत 05-05 वर्ष के सश्रम कारावास एवं कुल 3000-3000रू. जुर्माने से दण्डित किया।

दिनेश वैद्य, अपर लोक अभियोजक द्वारा घटना की जानकारी देते हुुए बताया कि घटना लगभग 11 वर्ष पूर्व दिनांक 20.09.2011 को मध्यरात्री के लगभग 01 बजे थाना जावद क्षैत्र के अंतर्गत आने वाले ग्राम सुवाखेड़ा स्थित फरियादी मदनलाल के घर की हैं। रात्री को समय फरियादी व उसका परिवार अलग-अलग कमरों में सो रहा था कि आरोपीगण आये व दरवाजा खटखटाते हुए बोले की हम पुलिसवाले हैं, दरवाजा खोलो।

फरियादी के लडके दिनेश ने दरवाजा खोला तो चारो आरोपीगण घर के अंदर घुस गये व फरियादी के साथ मारपीट करते हुए उसके परिवार वालो को डराते हुए अलमारी में रखे सोने व चाँदी के जेवर तथा नगद लगभग 26800रू. की लूट करके भाग गये। फरियादी द्वारा लूट की रिपोर्ट थाना जावद पर की गई, जिस पर से अपराध क्रमांक 273/2011, धारा 394, 450 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 के अंतर्गत प्रथम सूचना रिपोर्ट पंजीबद्ध की गई। निरीक्षक ओमप्रकाश श्रीवास्तव द्वारा अपराध की विवेचना करते हुए उनके स्त्रोतों से आरोपीयों का पता लगाकर उनको गिरफ्तार करते हुए उनके कब्जे से लूट की गई सम्पत्ति को जप्त किया गया। एक आरोपी जगदीश के फरार होने से शेष तीन आरोपीगण के विरूद्ध विवेचना पूर्ण कर अभियोग-पत्र जावद न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। अभियोजन द्वारा न्यायालय में विचारण के दौरान फरियादी, विवेचक सहित सभी आवश्यक गवाहों के बयान कराकर आरोपीगण द्वारा फरियादी के साथ मारपीट करते हुए लुट किये जाने के अपराध को प्रमाणित कराकर उनको कठोर दण्ड से दण्डित किये जाने का निवेदन किया गया। माननीय न्यायालय द्वारा आरोपीगण को लुट के अपराध का दोषी पाते हुये उन्हें भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 394 के अंतर्गत 05-05 वर्ष के सश्रम कारावास एवं कुल 2000-2000रू. जुर्माना तथा भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 450 के अंतर्गत 03-03 वर्ष के सश्रम कारावास एवं कुल 1000-1000रू. जुर्माने से दण्डित किया। न्यायालय में शासन की ओर से पैरवी दिनेश वद्य, अपर लोक अभियोजक, जावद द्वारा की गई।

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