नीमच। बर्थ डे पार्टी के बहाने बुलाकर महिला पुलिसकर्मी के साथ गैंगरेप के चर्चित मामले में न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश ने महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है।
महिला पुलिसकर्मी ने असत्य रिपोर्ट महिला थाना नीमच में करवाई थी। अभियोत्री महिला पुलिसकर्मी ने कोर्ट में बयान दिए कि उसके साथ कोई घटना कारित नहीं हुई है। माननीय अपर सत्र न्यायाधीश श्री विवेक कुमार श्रीवास्तव ने असत्य रिपोर्ट करवाने के मामले में फैसला सुनाते हुए महिला पुलिसकर्मी के खिलाफ भादसं की धारा 182, 211 के तहत कार्रवाई किए जाने का आदेश पारित किया है।
नीमच जिले में यह दूसरा मामला है, जिसमें माननीय न्यायालय ने झूठी रिपोर्ट मानते हुए फरियादी को दंडित किए जाने का फैसला दिया है। महिला पुलिसकर्मी मूलत नीमच की रहने वाली है और इंदौर जिला पुलिस बल में आरक्षक के पद पर तैनात है। 13 सितंबर 2021 को महिला थाना नीमच में महिला पुलिसकर्मी ने रिपोर्ट दर्ज करवाई थी कि पवन पिता पप्पू लौहार निवासी मनासा जिला नीमच से फेसबुक के माध्यम से दोस्ती हुई थी और मोबाईल नंबर लिए।
पवन उसकी समाज को होने के कारण अकसर बातचीत होने लगी और पवन भी उसे पसंद आया। महिला पुलिसकर्मी ने उसके परिजनों से भी पवन को मिलवाया। 9 जून 2021 पवन इंदौर आया और उसके भाई धीरेंद्र का जन्म दिवस मनाने के लिए उसे मनासा ले गया। विजय के घर के उपर कमरे में वह कपडे बदल रही थी तभी पवन का भाई धीरेंद्र और अंकल विजय आया और उसके साथ अश्लील हरकत की और चाकू की नोक पर दोनों ने दुष्कर्म किया। यह बात पवन को बताई तो पवन ने भी जान से मारने की धमकी दी। धीरेंद्र और विजय ने शारीरिक संबंध बनाते हुए उसका वीडियो भी बनाया और वीडियो वायरल कर उसे बदनाम करने की धमकी दी गई और पैसे लिए। बाद में पवन ने भी उसके साथ दुष्कर्म किया और वीडियो वायरल करने की धमकी देते हुए ब्लैकमेल करने लगे उससे पैसे और आभूषण लिए।
महिला थाना प्रभारी अनुराधा गिरवाल ने आरोपी पवन लौहार, उसका भाई धीरेंद्र लौहार, चाचा विजय पिता मुकेश लौहार, मां निर्मला लौहार निवासी मनासा और गोपाल पिता राजेंद्र लौहार निवासी मंदसौर के खिलाफ भादसं की धारा 376, 376 डी 376(2)(n) 506 के तहत प्रकरण दर्ज किया। आरोपियों को गिरफ्तार किया और कोर्ट में चालान पेश किया गया। माननीय कोर्ट ने तमाम साक्ष्यों को सुना। पीडिता फरियादी के 8 मार्च 2022 को बयान हुए। महिला पुलिसकर्मी ने कोर्ट के समक्ष बयान दिए कि वह न्यायालय में उपस्थित आरोपीगणों को जानती है, वह इन्दौर जिला पुलिस बल में आरक्षक के पद पर पदस्थ है, उसकी आरोपी पवन लौहार से सोशल मीडिया फेसबुक व व्हाट्सअप के जरिये पहचान हुई थी और इसी माध्यम से उसकी बातचीत होती थी, चूंकि आरोपी उसकी समाज का था, तो उसने उससे शादी का प्रस्ताव रखा था। दिनांक 30.05.2021 को उसका जन्मदिन होने से पवन उसे इन्दौर से घर लेकर आया था और उसके परिवारवालों से मिला था तथा कहा था वह उसे पसंद करता है और शादी करना चाहता है।
दिनांक 09.06.2021 को पवन के छोटे भाई का जन्मदिन था, तो पवन उसे उसके घर नीमच से मनासा अपने भाई का जन्मदिन मनाने के लिए लेकर गया था, उसके बाद उन्होंनें जन्मदिन मनाया और बाद में पवन ने उसे उसके घर पर छोड दिया था। दिनांक 09.06.2021 को उसके साथ कोई घटना नहीं हुई थी, उसने उसे राजीखुशी घर छोड दिया था। प्रश्नोत्तर में उसने स्वीकार किया कि महिला थाने में उसने आवेदन किसी मित्र के कहने पर दिया था। आवेदन में क्या लिखा, जिसकी जानकारी उसके नहीं थी। वीडियोग्राफी कथने के बारे में उसने कोई जानकारी होना नहीं बताया। माननीय कोर्ट ने तमाम तर्कों को सुना और अनुसंधान अधिकारी, डॉक्टर सहित अन्य के बयान दर्ज किए गए। पीडित महिला पुलिसकर्मी के कथनों के आधार पर माननीय न्यायालय ने सभी पांचो आरोपियों को 11 अप्रैल को दोषमुक्त करते हुए फैसला सुनाया।
माननीय न्यायालय ने माना कि इस प्रकरण में आरोपी पवन 21.9.21 से 11.4.2022 तक, आरोपी निर्मला 21.9.21. से 24.9.21, आरोपीगण धीरेंद्र व विजय 21.9.21 से 11.4.2022 तक तथा आरोपी 1.10.2021 से 5.10.21 तक न्यायिक अभिरक्षा में रहे है। जिससे उक्त आरोपीगणों को क्षति होना पाई जाती है। जबकि अभियोक्त्री यह जानती थी कि उसके साथ वास्तविक रूप से उक्त धाराओं के अधीन उसके साथ कोई घटना आरोपीगण ने नहीं की है।
इस प्रकार उक्त परिस्थितियों में अभियोक्त्री का कृत्य भा.द.सं. 1860 की धारा 182 व धारा 211 की श्रेणी में आता है, जिससे अभियोक्त्री’ के विरूद्ध उक्त अपराध में अभियोजन की कार्यवाही संस्थित किये जाने के लिये प्रवर्तन लिपिक सक्षम न्यायालय में परिवाद प्रस्तुत करने की कार्यवाही करें।
महिला आरक्षक रही है चर्चित, मंदसौर में भी चल रहा है रेप का मामला :-
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार महिला आरक्षक इस तरह के मामले में चर्चित है। मंदसौर में भी एक प्रकरण दुष्कर्म का चल रहा है। इसमें एक सब इंसपेक्टर पर दुष्कर्म के आरोप है। बताया जा रहा है कि महिला आरक्षक पहले तो प्यार की जाल में फंसाती है और उसके बाद पैंसे ऐंठने के चक्कर में दुष्कर्म का मामला दर्ज करवाने की धमकी देती है। कई लोग इसके शिकार हो चुके है और कुछ शिकार होते होते बचे है।