जावद। श्री मनीष पाण्डेय्, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, मनासा द्वारा रास्ते के विवाद के कारण लकड़ी से माँ-बेटे के मारपीट करने वाले तीन आरोपीगण जगदीश पिता नंदा जी बलाई, उम्र 58 वर्ष, भंवरलाल पिता नंदा जी बलाई, उम्र-62 वर्ष तथा दिनेश पिता रामचंन्द्र बलाई, उम्र 30 वर्ष, तीनो निवासी ग्राम बड़ी कड़ी कड़ी बुजुर्ग, तहसील मनासा, जिला-नीमच को भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 323/34 के अंतर्गत 03-03 माह के सश्रम कारावास एवं कुल 600-600 रू. जुर्माने से दण्डित किया।
विवेक कुमार गोयल, एडीपीओ द्वारा घटना की जानकारी देते हुए बताया कि घटना 8 वर्ष पूर्व दिनांक 01.09.2014 को शाम के लगभग 05:15 बजे थाना कुकडेश्वर क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्राम बड़ी कड़ी स्थित फरियादी वर्दीचंद के घर के सामने की हैं। फरीयादी वर्दीचंद एवं आरोपीगण के मध्य रास्ते का विवाद चल रहा हैं। घटना दिनांक को जब फरियादी खेत से वापस आया तो उसने देखा की आरोपीगण उसकी माता कस्तुरीबाई से रास्ते की बात को विवाद करते हुए उसके साथ लकडीयों से मारपीट करने लगे, जब वह बीच-बचाव करने आया तो आरोपीगण लकडीयों से उसके साथ भी मारपीट कर चोटे पहुचाई, जिस कारण मौके पर मौजूद लोगो ने बीच-बचाव किया।
फरियादी ने घटना की रिपोर्ट पुलिस थाना कुकडेश्वर में की जिस पर से आरोपीगण के विरूद्ध अपराध क्रमांक 166/2014, धारा 323/34 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 के अंतर्गत पंजीबद्ध किया गया।
विवेचना के दौरान पुलिस द्वारा दोनो आहतगण माँ बेटे का मेडिकल कराकर, घटना स्थल पर जाकर चक्षुदर्शी साक्षीगण के बयान लेकर शेष विवेचना पूर्ण कर अभियोग पत्र मनासा न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।
अभियोजन द्वारा माननीय न्यायालय के समक्ष विचारण के दौरान दोनो आहतगण, चक्षुदर्शी साक्षी सहित सभी महत्वपूर्ण साक्षीगण के बयान कराकर आरोपीगण द्वारा रास्ते के विवाद के कारण माँ-बेटे के साथ लकडीयों से मारपीट किये जाने के अपराध को प्रमाणित कराते हुए तीनों आरोपीयों को कठोर दण्ड से दण्डित किये जाने का निवेदन किया गया।
अभियोजन द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य व तर्को से सहमत होकर माननीय न्यायालय द्वारा तीनों आरोपीयों को धारा 323/34 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 के अंतर्गत 03-03 माह के सश्रम करावास एवं कुल 600-600 रू. जुर्माने से दण्डित करते हुए, जुर्माने के राशि में से आहत वर्दीचंद को 300रू. प्रतिकर के रूप में प्रदान किये जाने का आदेश भी दिया। न्यायालय में शासन की ओर से पैरवी विवेक कुमार गोयल, एडीपीओ द्वारा की गई।