नाबालिग का अपहरण कर बलात्कार करने वाले आरोपी को 8 वर्ष का सश्रम कारावास और जुर्माना

NEEMUCH HEADLINES March 10, 2022, 4:18 pm Technology

मनासा। अखिलेश कुमार धाकड़, प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश, मनासा, जिला नीमच द्वारा नाबालिग का अपहरण कर बलात्कार करने वाले आरोपी अर्जुन पिता बिहारी बंजारा, आयु 23 वर्ष, निवासी-चिकली, थाना रामपुरा, जिला नीमच को धारा 363, 366 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 एवं धारा 3/4 पॉक्सो एक्ट के अंतर्गत 8 वर्ष के सश्रम कारावास एवं कुल 2000 रू. जुर्माने से दण्डित किया।

जगदीश चौहान, विशेष लोक अभियोजक द्वारा घटना की जानकारी देते हुए बताया कि घटना लगभग 3 वर्ष पूर्व की दिनांक 08.05.2019 को थाना रामपुरा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्राम चिकली की हैं। घटना दिनांक को 17 वर्षीय पीडिता को आरोपी ने मोबाईल फोन लगाकर धमकाते हुवे मिलने के लिये बुलाया, जब पीडिता आरोपी को मिलने के लिए पहुँची तो आरोपी ने उसको बहला-फुसलाकर शादी का झॉसा देकर अपने साथ जूनापानी जंगल के रास्ते में ले गया जहाँ एक स्कूल के बरामदे में रात्री के समय उसके साथ बलात्कार किया।

इसके बाद वह पीडिता को ग्राम जुनापानी ले गया व अगले दिन सुबह बस से वह पीडिता को मनासा लाया, जहाँ वह पीडिता को गॉव ले जा रहा था कि रास्ते में पीडिता के भाईयों ने पीडिता व आरोपी को देख लिया, जिस कारण आरोपी पीडिता को छोड़कर जंगल में भाग गया। पीडिता द्वारा बताई गई घटना के आधार पर आरोपी के विरूद्ध थाना रामपुरा में अपराध क्रमांक 110/19, धारा 363, 366, 376 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 व धारा 3/4 पॉक्सों एक्ट, 2012 के अंतर्गत प्रथम सूचना रिपोर्ट पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया व आरोपी को गिरफ्तार कर आवश्यक अनुसंधान पूर्ण क अभियोग-पत्र मनासा न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।

अभियोजन द्वारा माननीय न्यायालय के समक्ष विचारण के दौरान पीडिता सहित सभी महत्वपूर्ण साक्षीगण के बयान कराकर आरोपी द्वारा नाबालिग पीडिता का अपहरण कर उसके साथ बलात्कार किये जाने के अपराध को प्रमाणित कराया गया। अभियोजन द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य व तर्को से सहमत होकर माननीय न्यायालय द्वारा आरोपी को धारा 363 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 के अंतर्गत 3 वर्ष के सश्रम कारावास व 500 रू जुर्माना, धारा 366 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 के अंतर्गत 4 वर्ष के सश्रम कारावास व 700 रू जुर्माना तथा धारा 3/4 पॉक्सों एक्ट, 2012 के अंतर्गत 8 वर्ष के सश्रम कारावास व 800 रू जुर्माने से दण्डित किया।

इसके अतिरिक्त जुर्माने की कुल राशि 2000 रू में से 1500 रू पीडिता को प्रतिकर के रूप में प्रदान किये जाने का आदेश भी पारित किया गया। न्यायालय में शासन की ओर से पैरवी जगदीश चौहान, विशेष लोक अभियोजक द्वारा की गई।

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