जावद। सोनू जैन, न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी, जावद द्वारा खेत के रास्ते व मेढ़ के विवाद के कारण ताल-घूंसों व लट्ठ से महिला के साथ मारपीट कर उसका पैर तोड़ते हुए गंभीर चोट पहुँचाने वाले पिता-पुत्र सुरेश पिता हरीसिंह बावरी, उम्र-27 वर्ष, व हरीसिंह पिता आशाराम बावरी, उम्र 55 वर्ष, दोनो निवासी ग्राम धनेरिया, थाना जावद, जिला नीमच को धारा 325/34 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 में 06-06 माह के सश्रम कारावास व कुल 1000 1000 रू जुमाने से तथा एक महिला आरोपीया गोधीबाई पति हरीसिंह बावरी, उम्र-50 वर्ष, ग्राम धनेरिया, थाना जावद, जिला नीमच को धारा 323 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 के अंतर्गत न्यायालय उठने तक के कारावास एवं 500 रू. जुर्माने से दण्डित किया गया।
आकाश यादव, एडीपीओ द्वारा घटना की जानकारी देते हुए बताया कि घटना दिनांक 06.10.2018 दोपहर के लगभग 3 बजे ग्राम धनेरिया टाका स्थित फरियादीया के खेत के कुवे के पास की हैं। फरियादीया रामकन्याबाई के परिवार एवं आरोपीगण के परिवार के मध्य खेत के रास्ते व मेंढ़ का विवाद चला आ रहा हैं।
इसी बात को लेकर घटना दिनांक को आरोपीगण पिता-पुत्र द्वारा फरियादीया के साथ लट्ठ व लात घूंसो से मारपीट करी तथा आरोपी हरीसिंह की पत्नी आरोपीया गोधीबाई द्वारा चप्पल से फरियादीया के साथ मारपीट की गई। मारपीट किये जाने के कारण फरियादीया के पाव में फ्रैक्चर होकर गंभीर चोट आई।
फरियादीया द्वारा घटना की रिपोर्ट पुलिस थाना जावद पर की जिस पर से आरोपीगण के विरूद्ध अपराध क्रमांक 409/18, धारा 325/34, 323 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 के अंतर्गत पंजीबद्ध किया गया। पुलिस जावद द्वारा विवेचना में आहत फरियादीया का मेडिकल कराने के उपरांत शेष आवश्यक विवेचना पूर्णकर आरोपीगण के विरूद्ध अभियोग पत्र जावद न्यायालय में प्रस्तुत किया।
विचारण के दौरान अभियोजन की ओर से न्यायालय में आहत फरियादीया सहित सभी आवश्यक गवाहों के बयान कराकर मारपीट कर गंभीर चोट पँहुचाये जाने के अपराध को प्रमाणित कराते हुए आरोपीगणों को कठोर दण्ड से दण्डित किये जाने का निवेदन किया। माननीय न्यायालय द्वारा आरोपी पिता-पुत्र को धारा 325/34 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 के अंतर्गत 06-06 माह के सश्रम कारावास व कुल 1000-1000 रूपये जुर्माने व आरोपीया गोधीबाई को 323 भारतीय दण्ड संहिता के अंतर्गत न्यायालय उठने तक के कारावास एवं 500 रू. जुर्माने से दण्डित करते हुए फरियादीया को जुर्माने की राशि में से 2000 रू. प्रतिकर के रूप में प्रदान करने का आदेश पारित किया।
न्यायालय में शासन की ओर से पैरवी आकाश यादव, एडीपीओ द्वारा की गई।