नीमच। श्रीमान अजय सिंह ठाकुर, प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश, नीमच द्वारा केंन्द्रीय नारकोटीक्स ब्यूरों के दल के सदस्यों के साथ लट्ठ व लातघूंसो से अन्य आरोपीयों के साथ मिलकर मारपीट करके गंभीर चोट पँहुचाकर शासकिय कार्य में बाधा पँहुचाने वाले आरोपी संतोष पिता बंशीलाल नागदा, उम्र 38 वर्ष, निवासी ग्राम-दोबड़, तहसील व जिला नीमच को भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 333/34, 332/34 के अंतर्गत दोषी पाकर 04 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 2000रू. जुर्माने से दण्डित किया।
अपर लोक अभि योजक शादाब खान द्वारा घटना की जानकारी देते हुए बताया कि घटना लगभग 08 वर्ष पुरानी होकर दिनांक 25.01.2014 की शाम के लगभग 06 बजे ग्राम भादवामाता स्थित यात्री प्रतीक्षालय की हैं। केंद्रीय नारकोटीक्स ब्यूरों में गोपनीय सूचना प्राप्त हुई थी कि दो व्यक्ति मोटरसायकल पर अफीम की तस्करी करने वाले हैं, जिस कारण दल का गठन किया जाकर दल के सदस्यों द्वारा भादवामाता यात्री प्रतीक्षालय के पास शासकिय व निजी वाहनों से आने जाने वाले लोगो पर नजर रखी जा रहीं थी कि सूचना में वर्णित दो व्यक्ति मोटरसायकल पर आते हुए दिखाई दिए जिनको रोकर उनका नाम पता पूछे जाने पर उन्होंने अपना नाम संतोष व मोहन होना बताया।
उनको गोपनीय सूचना से अवगत कराकर उनकी तलाशी लिये जाने का करने पर वह भडक गये और उनके द्वारा मौके पर चिल्लाकर अन्य दो आरोपीयों रायसिंह व बाबूलाल को बुलाकर दल पर हमला करते हुए लट्ठ व लातघूंसों से मारपीट कि गई जिससे दल के सदस्य भारतसिंह की पसली टूट गई व उन्हें गंभीर चोट आई तथा दल के अन्य सदस्य मंजुला गौरी व राधेश्याम पाटीदार को साधारण चोटे आई। मौके पर आरोपी लगभग 7 किलो अफीम को छोड़कर वहां से भाग गये।
केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरों के एस. आई. गुलाबचंन्द्र गुप्ता द्वारा घटना की रिपोर्ट थाना नीमच सिटी पर की गई जिस पर से आरोपीगण के विरूद्ध अपराध क्रमांक 49/2014, धारा 333/34, 332/34 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 के अंतर्गत प्रथम सूचना रिपोर्ट पंजीबद्ध की गई। विवेचना के दौरान आरोपी संतोष को गिरफ्तार किया गया एवं शेष तीन आरोपीगण मोहन, रायसिंह व बाबूलाल के विरूद्ध फरारी में अभियोग-पत्र नीमच न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।
अभियोजन द्वारा माननीय न्यायालय के समक्ष विचारण के दौरान फरियादी, आहतगण व फोर्स के सदस्यों सहित सभी आवश्यक गवाहों के बयान कराकर आरोपी द्वारा अन्य आरोपीयों के साथ मिलकर फोर्स के सदस्यों के मारपीट करके गंभीर चोट पँहुचाकर शासकिय कार्य में बाधा पँहुचाने के अपराध को प्रमाणित कराते हुए उसे कठोर दण्ड से दण्डित किये जाने का निवेदन किया गया। माननीय न्यायालय द्वारा आरोपी को भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 333/34 में 04 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 2000 रू जुर्माना तथा भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 332/34 में 02 वर्ष के सश्रम कारावास से दण्डित करते हुवे जुर्माने की राशि में से आहत भारतसिंह को 1500 रूपये प्रतिकर के रूप में प्रदान किये जाने का आदेश भी दिया गया।
न्यायालय में शासन की ओर से पैरवी अपर लोक अभियोजक शादाब खान द्वारा की गई।